राज्य सरकार जिस तरह से किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है. सरकार को इस पर ठोस योजना बनाकर कार्य भी करने की जरूरत है. अगर दावे सिर्फ भाषणों में ही होगा और योजनाएं धरातल पर नहीं उतरेंगी तो हालत लातेहार के किसानों जैसी हो जाएगी, यहां टमाटर का बंपर उत्पादन के बाद भी किसान मायूस हैं उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल पा रही है और ना ही सरकार और प्रशासन की तरफ से उन टमाटरों को स्टोर करने का कोई प्रबंध कराया गया है. पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोगता का दावा भी फाइलों तक ही सीमित रह गया.
कीमत कम मिलने से किसान हैं काफी हताश
एक तरफ जहां सरकार किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा दिलवाने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ टमाटर की खेती करने वाले किसानों की लागत पूंजी भी वापस नहीं आ पा रही है. लातेहार जिले के बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड में टमाटर के बंपर उत्पादन के कारण इसकी कीमत किसानों को दो रुपए प्रति किलो ग्राम मिल रही है. कीमत कम मिलने के कारण किसान काफी हताश हैं, उनमें मायूसी का माहौल हैं. दरअसल लातेहार जिले का बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड टमाटर उत्पादन के लिए विख्यात रहा है. इन तीनों प्रखंडों में भारी मात्रा में टमाटर का उत्पादन होता है. यहां से टमाटर झारखंड के विभिन्न मंडियों तक पहुंचाया जाता है. जिससे किसानों को टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफ़ा होता था. इस बार भी टमाटर की खेती जमकर हुई और पैदावार भी खूब हुआ. लेकिन टमाटर की कीमत बाजार में अचानक काफी गिर गई. ऐसे में किसानों को इस वर्ष फायदा होने के बदले नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
सौर्स फैक्टरी लग जाती तो नहीं होता किसानों का इतना नुकसान
किसान ने बताया कि इस बार टमाटर का तो बंपर उत्पादन हुआ है. लेकिन कीमत काफी कम है. स्थिति यह हो गई है कि टमाटर की खेती में किसानों को जितनी लागत लगी है. उतना भी वापस लौटना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा टमाटर की खेती के लिए एक एकड़ में लगभग 2 लाख रुपय खर्च हो जाता है. लेकिन इसबार बाज़ार में टमाटर की कीमत अच्छी नहीं है. जिससे किसानों की लागत राशि तक डूब गई. उन्होंने कहा एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि बालूमाथ, हेरहंज और बरियातू में सबसे अधिक टमाटर का उत्पादन होता है. यहां सौर्स फैक्टरी लगाने की भी योजना बनी थी. लेकिन अभी तक यह सपना साकार नहीं हुआ है. उन्होंने कहा यदि सौर्स फैक्टरी लग जाती तो किसानों को अच्छा मुनाफा होता, उनकी पूंजी नहीं डूबती. उन्होंने कहा इससे क्षेत्र का भी विकास होता.
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पूर्व कृषि मंत्री पर झूठा आश्वाशन देने का लगाया आरोप
वहीं, किसानों ने पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोगता पर झूठा आश्वाशन देकर ठगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा जब सत्यानंद भोगता कृषि मंत्री थे तब उन्होंने एक सौर्स फैक्ट्री लगाने की बात कही थी, लेकिन अब तक यह आश्वासन पूरा नहीं हो सका है. लिहाज़ा किसान कौड़ी के भाव में टमाटर की बिक्री करने को मजबूर हैं. उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि क्षेत्र में एक सौर्स फैक्ट्री का निर्माण कराया जाए, ताकि किसान टमाटर को अच्छी कीमतों में बेच सके,उन्हें नुकसान का सामना नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा टमाटर की खेती के लिए सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी जाती और ना ही नुकसान होने पर कोई मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
किसान टमाटर को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर
इस मामले में बालूमाथ भाजपा मंडल अध्यक्ष लक्षण कुशवाहा ने कहा हमारे क्षेत्र में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन इसबार किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा बालूमाथ समेत अन्य प्रखंडों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था होती तो किसानों को काफी राहत मिलती. कीमत कम होने पर किसान अपने फसल को स्टॉक भी कर सकते थे. उसके बाद जब कीमत कुछ बेहतर होती तो फसलों को बेच सकते थे. लेकिन यहां कोल्ड स्टोर की भी कोई व्यवस्था नहीं है. दूसरी ओर टमाटर ऐसी फसल है जिसे समय पर तोड़कर उपयोग ना किया जाए तो वह बर्बाद हो जाता है. इसी मजबूरी के कारण किसानों को औने पौने दाम पर टमाटर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है.
रिपोर्ट - गोपी कुमार सिंह
HIGHLIGHTS
- किसानों की लागत पूंजी भी नहीं आ पा रही वापस
- टमाटर की कीमत कम मिलने से किसान हैं काफी हताश
- पूर्व कृषि मंत्री पर झूठा आश्वाशन देकर ठगने का लगाया आरोप
Source : News State Bihar Jharkhand