झारखंड (Jharkhand) मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. मंत्रिमंडल में जगह पाने को लेकर झारखंड की राजनीति अब दिल्ली (Delhi) 'शिफ्ट' हो चुकी है, जहां मंथन और बैठकों का दौर चल रहा है. सूबे के तमाम विधायकों का दिल्ली में जमावड़ा लगने लगा है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी राष्ट्रीय राजधानी में हैं. लिहाजा कांग्रेस के भी कई विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस (Congress) के 6 से ज्यादा विधायक दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल, झारखंड प्रभारी आर. पी. एन. सिंह समेत दूसरे नेताओं के पास पहुंच रहे हैं.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में हैं और उनकी कांग्रेस के आला नेताओं से बातचीत चल रही है. सोरेन मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस के आला नेताओं से सहमति बनाने में जुटे हुए हैं. संभावना जताई जा रही है कि दो-चार दिनों में ही झारखंड कैबिनेट में विस्तार किया जा सकता है. खरमास के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज हुई है. उधर, कांग्रेस विधायक शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. राज्य में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद नवनिर्वाचित विधायक पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष से मिलेंगे. कैबिनेट में जगह पाने के लिए हर कोई इच्छुक है, लेकिन कांग्रेस कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाना चाहती है.
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सूत्र बताते हैं कि झामुमो मुख्यमंत्री सहित सात मंत्री पद और कांग्रेस के चार मंत्री पद चाहती है. रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम को पहले ही मंत्री बनाया जा चुका है. कांग्रेस के 16 विधायक हैं और पार्टी ने राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ मिलकर सरकार बनाई है. चुनाव जीतने के बाद 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ कांग्रेस के दो और राजद के एक विधायक को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी.
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