सरकारी स्कूलों की बदली सूरत, बच्चे विद्यालय के लिए अब हो रहें बेताब

सरकारी स्कूल के बाहर और अंदर क्लासरूम तक हर कक्षा के मुताबिक उसमें पढ़ाई को लेकर पेंटिंग की जा रही है. बच्चे को स्कूल आते ही सामान्य ज्ञान की जानकारी उन्हें पढ़ने और देखने को मिल रही है.

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Rashmi Rani
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सरकारी स्कूलों की बदली सूरत( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

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सरकारी स्कूल का नाम जैसे ही हमारी जुबान पर आता है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले यहां ही शिक्षा व्यवस्था ही आती है. कोई भी अभिभावक अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें यहां की व्यवस्था पर भरोसा नहीं होता है लेकिन बोकारो जिले में सरकारी स्कूल की तस्वीर ही बदल गई है. धीरे धीरे सभी स्कूल की तस्वीर बदली जाएगी पहले चरण में बोकारो के 40 सरकारी स्कूलों में काम किया जा रहा है.

पेंटिंग के जरिए हो रही पढ़ाई 

सरकारी स्कूल के बाहर और अंदर क्लासरूम तक हर कक्षा के मुताबिक उसमें पढ़ाई को लेकर पेंटिंग की जा रही है. बच्चे को स्कूल आते ही सामान्य ज्ञान की जानकारी उन्हें पढ़ने और देखने को मिल रही है. यही नहीं क्लास रूम के अंदर जाते ही उनके क्लास के मुताबिक पढ़ाई को लेकर चित्र और फार्मूले भी देखने को मिल रहें हैं. सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बेहतर करने और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत बोकारो के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने की है.

कंसेप्ट का नाम है 'बाला'

बोकारो जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर विस्थापित क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च विद्यालय शिबूटांड की भी सूरत बदल चुकी है. इस विद्यालय में 10 कमरे हैं. 1 से लेकर कक्षा 10 तक की पढ़ाई की जाती है और छात्र छात्राओं की संख्या 416 है. पढ़ाई के मुताबिक कमरों में पेंटिंग के जरिए तस्वीर बनाए गए हैं. आपको बता दें कि, इस कंसेप्ट का नाम बाला है. बाला का मतलब  'बिल्डिंग एज लर्निंग एड' है. 

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बच्चों को अपनी ओर खींच रहा स्कूल 

स्कूल के छात्र से लेकर शिक्षक सभी स्कूल की बदलती तस्वीर से खुश नजर आ रहे हैं. छात्र-छात्राओं ने कहा कि स्कूल आने के बाद उन्हें एक अच्छा एहसास होता है. मन में खुशी होती है और जो फार्मूले या जानकारी उन्हें किताबों से पढ़कर याद नहीं होते थे अब उन्हें अपने आप याद हो जा रहा है. छात्राओं ने कहा कि पहले जो बच्चे स्कूल आने में से कतराते थे. अब स्कूल की बदलती तस्वीर उन्हें अपनी ओर खींच कर ले आ रही है. 

रिपोर्ट - संजीव कुमार 

Source : News State Bihar Jharkhand

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