धनबाद जिला में शिक्षा विभाग की बदहाली इन दिनों साफतौर पर झलक रही है. सिंदरी के गोशाला ओपी अंतर्गत टासरा डीएवी हाई स्कूल में बच्चों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने में विभाग ने कोई प्रयास नहीं किया, लिहाजा मासूम बच्चे आयरनयुक्त लाल पानी पीने में मजबूर है. लाल पानी बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. डीएवी हाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है. दूषित पानी पी रहे बच्चों के बीमार होने की आशंका बढ़ती जा रही है. बच्चों की ओर से स्कूल के हेडमास्टर को अवगत करावाया गया है, लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा रही है.
नतीजतन अब भी यहां के बच्चे हैंडपंप का दूषित पानी पीने को मजबूर है. यहां पढ़ने वाले बच्चों ने सरकार से दूषित पानी पीने से निजात दिलाने की फरियाद की है. प्रदूषित पानी के साथ- साथ यह स्कूल की हालत भी काफी खस्ता है. प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है.
सिंदरी के टासरा स्थित डीएवी हाई स्कूल में शिक्षण सत्र शुरू हो गया है. ऐसे में बच्चे स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर है. स्कूल के खस्ताहाल भवनों को देख बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं. स्कूल की दीवारों में जगह-जगह दरार पड़ गई है. दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है. वर्षाकाल में दीवारों में सीलन हो जाती है. जर्जर भवन के कारण दुर्घटना की आशंका लगी रहती है.
जर्जर भवन की सुध नहीं लिए जाने से यहां पढ़ने वाले बच्चों में चिंता है. इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की मानें तो यहां आए दिन जर्जर भवन का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है, जिस कारण यहां सभी बच्चे खौफ के साए में पढ़ने को मजबूर हैं. बहरहाल, इस पूरे मामले में ना तो स्कूल के शिक्षक कुछ कहना चाहते हैं और ना ही यहां के प्रधानाध्यापक. अब देखने वाली बात होगी कि कब सरकार की पहल होती हो और कब इन बच्चों की परेशानियों का हल निकलता है.
रिपोर्टर- नीरज कुमार
Source : News Nation Bureau