राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कई कार्य कर रही है, लेकिन बोकारो के सेक्टर दो स्थित राजकीय मध्य विद्यालय को देख कर तो कुछ और ही प्रतीत नहीं हो रहा है. विद्यालय भवन की स्थिति को देखकर आप खुद इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं. विद्यालय के दीवारों में बड़े बड़े दरार, टूटी फूटी छत ये बताने को काफी है कि सरकार की नजर इस स्कूल पर कितनी है. स्कूल की स्थिति ऐसी हो रखी है कि कभी भी हादसा हो सकता है.
गरीब बच्चे पढ़तें हैं यहां
राजकीय मध्य विद्यालय उपायुक्त कार्यालय से महज डेढ़ से 2 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है. इस स्कूल में बोकारो के सभी गरीब बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि अभी विद्यालय का भवन बोकारो स्टील का है, लेकिन कक्षाओं का संचालन राज्य सरकार की शिक्षा विभाग करती है. आपको बता दें कि साल 2015 से ही विद्यालय की देख - रेख प्राचार्य ही कर रहे हैं, लेकिन विद्यालय को देखकर ही पता चलता है कि कितनी मरम्मत हुई है.
जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर बच्चे
इस स्कूल के बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर हर दिन पढ़ने को मजबूर हैं. इस मामले में छत्रों ने कहा कि विद्यालय का भवन इतना जर्जर है कि कभी भी हमारे ऊपर कोई भी टुकड़ा गिर जाता है. जिसमें कई छात्र अब तक घायल हो गए हैं. विद्यालय में कोई खिड़की भी नहीं है. केवल बच्चे ही नहीं बल्कि शिक्षिक भी इसे लकर काफी चिंतित हैं. शिक्षकों ने बताया कि अपनी जान को जोखिम डालकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. कई बार विभाग को पत्र लिखकर शिकायत भी की गई है, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई है.
HIGHLIGHTS
- उपायुक्त कार्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है विद्यालय
- साल 2015 से ही विद्यालय की देख - रेख प्राचार्य ही कर रहे हैं
- अपनी जान को जोखिम में डालकर हर दिन पढ़ने को मजबूर बच्चे
- कई बार विभाग को पत्र लिखकर की गई शिकायत
Source : News State Bihar Jharkhand