झारखंड में सरकार एक तरफ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाकर गरीब छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर धरताल की सच्चाई उन दावों से कोसो दूर हैं. जहां बेहतर शिक्षा तो दूर छात्रों को बेहतर स्कूल भवन तक नसीब नहीं. बोकारो सिटी इलाके का ये स्कूल, जो पूरी तरह जर्जर हो चुका है. स्कूल भवन दरारों से भर गया है. पेड़ की जड़ें दीवारों को चीरते हुए अपना रास्ता बना रही है और छत से टपकता पानी स्कूल को दरिया बना रहा है. बोकारो उपायुक्त कार्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर झारखंड सरकार का राजकीय मध्य विद्यालय है, जहां छात्र किस बदहाली में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
बेहतर शिक्षा के दावे खोखले
इसकी बानगी तो ये तस्वीरें ही कर रही है और स्कूल से लगातार पानी का रिसाव होता है. वहीं, छात्र ऐसे ही हालातों में पढ़ाई करते हैं क्योंकि स्कूल और छात्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस स्कूल की खिड़कियां और दरवाजे भी चोर तोड़कर ले जा चुके हैं. जिस पर आजतक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. स्कूल प्रिंसिपल की मानें तो कई बार स्कूल की हालात को लेकर शिकायत की गई है, लेकिन इस पर कोई ठोस फैसला अभी तक नहीं हो पाया है.
स्कूल का दरवाजा-खिड़की ले उड़े चोर
बता दें कि जिस भवन में स्कूल चल रहा है, वो बोकारो स्टील का है, ऐसे में राज्य सरकार इसकी मरम्मत और जीर्णोद्धार भी नहीं कर सकती है. जरूरत है कि जिले के अधिकारी बोकारो स्टील से समन्वय बनाकर स्कूल भवन की मरम्मत कराने का काम करें. ताकि जो बच्चे अपने उज्जवल भविष्य की कामना लेकर स्कूल आते हैं उन्हें पानी साफ करने की परेशानी ना उठानी पड़े.
HIGHLIGHTS
- बेहतर शिक्षा के दावे खोखले
- स्कूल का दरवाजा-खिड़की ले उड़े चोर
- प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
Source : News State Bihar Jharkhand