झारखंड के राजनीति गलियारों में हलचल पैदा हो गई है. सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. CM हेमंत सोरेन के लाभ के पद के आरोप पर निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल को अपनी राय भेजी है. आपको बता दें, भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सुनवाई हुई थी. ऐसे में कई अटकले थी कि उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पर जाएगी.
खदान लीज मामले में चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को उनकी सदस्य्ता खत्म करने की सिफारिश कर दी है, जिसके बाद झारखंड में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. चुनाव आयोग की राय पर हेमंत सोरेन की सदस्यता जाने और नहीं जाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अब आमने-सामने नज़र आ रहें हैं .
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला चल रह है. बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान लीज पर लेने की शिकायत की थी. बीजेपी ने फरवरी 2022 में रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित करा ली. इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की गई.
Source : News Nation Bureau