पारसनाथ विवाद को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि भारत सरकार के गजट के बाद ये विषय सामने आया है. राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. झारखंड सरकार सभी धर्म का सम्मान करती है. साथ ही हेमंत सोरेन ने कहा कि सम्मेद शिखर को लेकर क्या हल निकाला जा सकता है ये भी हम देख रहे हैं. किसी भी धर्म के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सीएम ने यह भी कहा कि अभी इस विषय पर ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए अभी ज्यादा बात नहीं रख पाऊंगा. हम कानूनी जानकारी ले रहे हैं.
आपको बता दें कि पारसनाथ का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को जैन समुदाय के लोगों ने मौन रैली निकाली. इनका कहना है कि सरकार जिस तरीके से पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की है, उसी के आधार पर लगातार जैन समुदाय के लोग शांतिपूर्वक इसका विरोध कर रहे हैं.
वहीं, आपको बता दें कि पारसनाथ विवाद पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने बड़ा बयान दिया है. भट्टाचार्य ने विवाद की जिम्मेदार बीजेपी को बताया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि जब पर्यटन स्थल बनाने का फैसला हुआ तब बीजेपी केंद्र और राज्य में दोनों जगह थी. फिर JMM ने कैसे सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किया. JMM महासचिव ने कहा कि हमारी सरकार 2019 के दिसंबर से आई है. हम जैन समाज के लोगों का सम्मान करते हैं. 20 दिसंबर को भी जब जैन समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी तब मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि हम किसी भी हालत में पारसनाथ को अपवित्र नहीं करने देंगे.