भारत में कोल्ड अटैक से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारत में इस वक्त कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पूरा उत्तर भारत, ठंड और कोहरे की चपेट में है. बिहार-झारखंड में तो ठंड ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सर्दी के सितम से अब आवाजाही से साथ ही शिक्षा पर भी असर पड़ने लगा है. ट्रेन और फ्लाइट के परिचालन पर भी असर पड़ रहा है. बिहार में ठंड ने 64 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कई जिलों में हाड़ कंपाने वाली ठंड से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गया में तो 3.6 डिग्री तक तापमान लुढक गया है.
पटना 6.2 डिग्री
गया 3.6 डिग्री
भागलपुर 6.5 डिग्री
मुजफ्फरपुर 7.9 डिग्री
रांची 7.5 डिग्री
कटिहार 7 डिग्री
ड्राइविंग करना मुश्किल
बिहार हो या झारखंड दोनों ही राज्यों में ठंड के साथ ही कोहरे ने परेशानी बढ़ा दी है. कोहरे के चलते ड्राइविंग करना मुश्किल हो गया है. दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है. लोगों की आंखों में जलन और लाली-सूजन की शिकायत सामने आ रही है.
कई ट्रेनों का संचालन रद्द या लेट
झारखंड की राजधानी रांची में भी सर्दी का सितम जारी है. यहां भी सुबह से ही कोहरे की वजह से वीजीबिलिटी पर असर पड़ रहा है. वहीं, धूप नहीं होने की वजह से राहत नहीं मिल पा रही है. शाम ढलते ही कोहरे और धुंध की सफेद चादर में पूरी राजधानी लिपट जाती है. अब इस ठंड का असर अब ट्रेनों पर भी पड़ने लगा है. उत्तर भारत के कई ट्रेनें धुंध की वजह से लेट है या रद्द कर दिया गया है.
ट्रेन न. ट्रेन का नाम देर
नई दिल्ली-राजेंद्रनगर तेजस राजधानी 1.35 घंटे
नई दिल्ली-राजेंद्रनगर संपूर्ण क्रांति 2.50 घंटे
नई दिल्ली-राजगीर श्रमजीवी एक्सप्रेस 45 मिनट
अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस 4.05 घंटे
जम्मू-हावड़ा एक्सप्रेस 8.35 घंटे
नई दिल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस 8.25 घंटे
नई दिल्ली-इस्लामपुर मगध एक्सप्रेस 8.15 घंटे
कामाख्या- दिल्ली एक्सप्रेस 2.45 घंटे
विलासपुर-पटना एक्सप्रेस 2.15 घंटे
दिल्ली-कामाख्या एक्सप्रेस 5.50 घंटे
छत्रपति शिवाजी जी टर्मिनल-पटना एक्सप्रेस 2.50 घंटे
देहरादून-हावड़ा एक्सप्रेस रद्द
मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस रद्द
हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस रद्द
कोल्ड वेव के खतरें
उत्तर भारत में चल रहे कोल्ड वेव ने आवाजाही के साथ ही शिक्षा और औद्योगिक गतिविधियों को भी प्रभावित किया है. स्कूलों को बंद कर दिया गया है. लोगों को ऑफिस जाने में भी परेशानी हो रही है. ठंड के चलते लोग कई तरह की बीमारियों का भी शिकार हो रहे हैं. बात करें कोल्ड वेव के खतरों की तो लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने पर फ्रॉस्टबाइट हो सकती है. ठंड के कारण फ्लू, नकसीर की समस्या होती है. कंपकंपी, शरीर की गर्मी जाने का पहला संकेत है. बाहरी शरीर के अंग जैसे उंगलियां, नाक की स्किन पीली, सख्त और सुन्न पड़ सकती है.
पहाड़ी राज्यों में लगातार बर्फबारी के चलते ही उत्तर भारत में कोल्ड वेव जैसे हालात बन गए हैं और फिलहाल इस कंपकंपी से निजात मिलने की उम्मीद भी नहीं है.
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HIGHLIGHTS
- कई ट्रेनों का संचालन रद्द या लेट
- ड्राइविंग करना मुश्किल
- कोल्ड वेव के खतरें
Source : News State Bihar Jharkhand