झारखंड में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कांग्रेस ने 24 घंटे के भीतर ही 4 नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की छुट्टी कर दी और उनके बदले नए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है. दरअसल, कांग्रेस ने ये फैसला पार्टी में बढ़ते विवाद को देखते हुए लिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नवनियुक्त जिलाध्यक्षों में बदलाव करते हुए रामगढ़, गढ़वा, साहिबगंज और कोडरमा में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है. जिन 4 जिलाध्यक्षों को हटाया गया है उनमें 3 ब्राम्हण और एक ओबीसी जाति से थे.
नई सूची के तहत रामगढ़ में शांतनु मिश्रा की जगह मुन्ना पासवान, गढ़वा में श्रीकांत तिवारी के स्थान पर उबेदुल्लाह हक अंसारी, साहिबगंज में अनिल कुमार ओझा के स्थान पर बरकतुल्लाह खान को और कोडरमा में नारायण बरनवाल के स्थान पर भागीरथ पासवान को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है. बताते चलें कि झारखंड कांग्रेस में नवनियुक्त जिलाध्यक्षों का नाम सामने आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में विरोध बढ़ता जा रहा था. विरोध भी इस कदर बढ़ा की झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे पर दलित और मुस्लिम विरोधी होने तक का आरोप लगा.
कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और झारखंड कांग्रेस के अंदर अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति को किए दरकिनार किए जाने की शिकायत की जिसके बाद 4 जिलों के जिलाध्यक्षों को बदला गया है. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस बात को लेकर विरोध जताया था. इससे पहले कांग्रेस द्वारा सूबे के सभी जिलों के जिलाध्यक्षों के तौर पर जिनके नामों की घोषणा की थी उसमें एक भी नाम अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं था. इसी बात का अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी विरोध कर रहे थे. खुद कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सबसे पहले लिस्ट में लिखे नामों पर ऐतराज जताते हुए अल्पसंख्यक समुदाय से भी जिलाध्यक्षों के पद पर पार्टी से नामित करने की मांग की थी.
HIGHLIGHTS
. फुरकान अंसानी, इमरान प्रतापगढ़ी ने जताया विरोध
. 4 जिलों के कांग्रेस जिलाध्यक्ष बदले गए
Source : Shailendra Kumar Shukla