Jharkhand Election 2024: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. पार्टी इस बार पिछले चुनाव से अधिक सीटों पर अपनी किस्मत आजमाना चाहती है और इसके लिए पार्टी के भीतर तैयारियां जोरों पर हैं. पिछली बार कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर गठबंधन में 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से पार्टी ने 17 सीटें जीती थीं. अब कांग्रेस की नजर अतिरिक्त सीटों पर है और पार्टी नेतृत्व ने इस दिशा में माहौल बनाना भी शुरू कर दिया है.
किन सीटों पर नजर है कांग्रेस की?
आपको बता दें कि कांग्रेस की प्राथमिकता पहले से जीती हुई 17 सीटों को बरकरार रखने की है. इसके अलावा, कांग्रेस उन दो सीटों पर भी नजर गड़ाए हुए है, जहां के विधायक चुनाव के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे. ये सीटें हैं गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट से विधायक प्रदीप यादव और हजारीबाग जिले के मांडू से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल. दोनों विधायक पहले अन्य दलों से चुने गए थे, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए.
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मनोहरपुर और रांची सीट पर दावेदारी
वहीं आपको बता दें कि इसके अतिरिक्त कांग्रेस रांची और मनोहरपुर विधानसभा सीटों पर भी दावा कर रही है. रांची में कांग्रेस का तर्क है कि झामुमो के पास इस सीट पर कोई प्रमुख चेहरा नहीं है और पिछले चुनाव में कांग्रेस ने झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी को समर्थन दिया था. महुआ माजी भाजपा के सीपी सिंह से कड़े मुकाबले में हार गई थीं और अब महुआ राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं. इस आधार पर कांग्रेस रांची सीट को अपने पाले में लेना चाहती है.
साथ ही आपको बता दें कि मनोहरपुर सीट पर कांग्रेस की दावेदारी का आधार झामुमो को दी गई सीट का मुद्दा है. कांग्रेस का दावा है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट का अधिकार था, लेकिन अंतिम समय में यह झामुमो को दे दी गई. झामुमो विधायक जोबा मांझी के सांसद बनने के बाद कांग्रेस इस सीट पर अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है.
विशुनपुर और सिसई सीटों पर कांग्रेस की नजर
इसके साथ ही कांग्रेस की नजर विशुनपुर और सिसई विधानसभा सीटों पर भी है. विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा पार्टी से बगावत कर लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें अपने ही गढ़ में बहुत कम वोट मिले. इस आधार पर कांग्रेस झामुमो की इस सीट पर दावा कर रही है. दूसरी ओर, सिसई सीट पर कांग्रेस अपनी पूर्व विधायक गीताश्री उरांव को मैदान में उतारना चाहती है. इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की रणनीति साफ है कि वे झामुमो से इन सीटों पर दावेदारी करेंगी.
कांग्रेस की रणनीति
इसके अलावा आपको बता दें कि कांग्रेस इस बार चार से पांच अतिरिक्त सीटों पर दावेदारी कर रही है. पार्टी को उम्मीद है कि गठबंधन में इन सीटों पर बात बनेगी और उसे कम से कम दो अतिरिक्त सीटें मिल सकती हैं. पार्टी के पदाधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे झारखंड में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पहले से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.