साहिबगंज की जनता का सपना जल्द पूरा होने वाला है. क्योंकि अगले साल के अंत तक साहिबगंज-मनिहारी पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा. इस पुल का निर्माण झारखंड के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा. संथाल परगना से बिहार के रिश्ते और मजबूत होने वाले हैं. क्योंकि जल्द ही साहिबगंज-मनिहारी पुल का निर्माण पूरा होने वाला है. पुल निर्माण के साथ ही साहिबगंज जिलावासियों की सालों पुरानी मांग और गंगा पुल का सपना साकार हो जाएगा.
देश का तीसरा सबसे बड़ा पुल
साहिबगंज में बनने वाला ये पुल देश का तीसरा सबसे बड़ा पुल होगा. जो 2024 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा. साहिबगंज-मनिहारी पुल पड़ोसी देश नेपाल और झारखंड को बिहार समेत पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों को जोड़ने का काम करेगा. पुल की आधारशिला रखने के साथ ही निर्माण कार्य में तमाम मुश्किलें आई. कभी यास तूफान, कभी कोरोना ने तो कभी गंगा में असमय एकाएक बढ़े जल स्तर ने निर्माण कार्य को बाधित किया. अब एक बार फिर से निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ ली है.
1900 करोड़ की लागत
गंगा पुल का निर्माण कार्य करीब 1900 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. वहीं, डीपीआर के मुताबिक पुल के एप्रोच मार्ग निर्माण पर लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. जिसमें साहिबगंज और मनिहारी गंगापुल फोर लेन भी होगा. पुल के साथ सड़क की कुल लंबाई लगभग 22 किलोमीटर होगी. गंगा पुल प्रदेश के साहिबगंज बाईपास और बिहार के मनिहारी बाईपास से जुड़ेगा. साहिबगंज में गंगा नदी पर बन रहा पुल लंबाई में भारत का तीसरा सबसे बड़ा पुल होगा. इस पुल की एक और खासियत है और वो ये कि इसका निर्माण एक्सट्राडोज तकनीक से किया जा रहा है. इस तकनीक में केबल के सहारे पुल के लोड को बैलेंस किया जाएगा और इस तकनीक से बनने वाला ये देश का सबसे बड़ा पुल होगा.
साबित होगा मील का पत्थर
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को इस गंगापुल का ऑनलाइन शिलान्यास किया था और अब अगले साल के अंत तक पुल का काम पूरा हो जाएगा. पुल के बन जाने के बाद पूर्वोत्तर देश के कई राज्य सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे. साथ ही साथ पड़ोसी देश नेपाल की दूरी भी कम हो जाएगी. इतना ही नहीं झारखंड, बिहार, ओडिशा, बंगाल और असम समेत कई राज्यों के आपस में जुड़ने से व्यापार के लिए भी नए रास्ते खुल जाएंगे. लिहाजा रोजगार के साधन भी बनेंगे. जिससे साहिबगंज विकास की नई गाथाएं लिखेगा.