गिरिडीह स्थित पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के बाद जैन समुदाय में इसको लेकर नाराजगी है. जैन समुदाय इसे पवित्र जैन स्थल का नाम देना चाहते हैं. वहीं, सरकार के फैसले के खिलाफ और पारसनाथ को दोबारा तीर्थस्थल घोषित करने की मांग को लेकर समुदाय के लोगों ने आज मौन रैली निकालने का ऐलान किया है. अपर बाजार स्थित जैन मंदिर से लेकर राजभवन जाकिर हुसैन पार्क तक ये मौन रैली निकाली जाएगी. जिसमें सैकड़ों की संख्या में जैन समुदाय के लोग शामिल होंगे. आपको बता दें कि जैन समुदाय का कहना है कि पारसनाथ पर्वत को इको सेंसिटिव जोन न मानकर इसे एक धार्मिक तीर्थस्थल घोषित कर देना चाहिए.
परसनाथ धार्मिक तीर्थस्थल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. विवाद को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. तीर्थस्थल विवाद को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष खुल कर बोलने लगे हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि सरकार जैन धर्म के लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार को सोच समझ कर फैसला लेना चाहिए. वहीं, मामले को लेकर सत्तापक्ष का कहना है कि वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. सरकार में शामिल मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ये गंभीर मामला है और हम भी चाहते है कि तीर्थ स्थल के आसपास मांस और मदिरा का सेवन ना हो. क्योंकि यह जैनियों का सबसे बड़ा पवित्र पर्वत माना जाता है. जहां देश विदेश से लाखों लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
HIGHLIGHTS
- पारसनाथ धार्मिक तीर्थ स्थल पर विवाद जारी
- विवाद के बीच जैन समुदाय का बड़ा एलान
- मांगों को लेकर आज निकाली जाएगी मौन रैली
- मौन रैली के जरिए सरकार तक पहुंचाएंगे अपनी मांग
- पारसनाथ को दोबारा तीर्थस्थल घोषित करने की मांग
Source : News State Bihar Jharkhand