गढ़वा जिले में मुख्यमंत्री दाल भात योजना में भी अब घोटाले का मामला सामने आया है. रमना और रमकण्डा केंद्र की संचालको ने मामले का खुलासा किया है. दरअसल कोरोनाकाल के दौरान पलामू जिले की कोमल देवी नाम की एक महिला को जिले में मुख्यमंत्री दाल भात योजना के सभी केन्द्रों पर राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन अप्रैल 2022 से सितम्बर 2022 तक कई केंद्रों पर राशन नहीं पहुंचा. इसे लेकर महिलाओं ने जब डीसी को आवेदन दिया तो मालूम पड़ा की अप्रैल से सितम्बर तक का राशन पलामू की महिला के द्वारा निकाल लिया गया है, लेकिन वह राशन केंद्र तक नहीं पहुंचा और उसकी मंडियों में कालाबाजारी हो गई है.
रमना, रामकंडा केंद्र के संचालकों ने किया खुलासा
इस मामले में एक करोड़ की राशि का घोलमेल हुआ है. इसे लेकर रमकण्डा और रमना प्रखंड के मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र की महिलाओं ने डीसी को आवेदन देकर जांच की मांग की है. महिलाओं ने कहा कि पलामू की कोमल देवी नाम की महिला जो ठेकेदार थी. उसने ही यह घपला किया है. इसे लेकर जांच की मांग की है.
5 रुपये में भरपेट भोजन
आपको बता दें कि झारखंड सरकार इस योजना के तहत गरीबों का पेट भरने के लिए महज 5 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराती है. राज्य में जगह जगह दाल भात केंद्र बनाए गए हैं. जिससे गरीबों को सस्ते दर पर खाना मिलता है. लेकिन अब इस योजना में भी धोखाधड़ी होने लग गई है. गरीबों का हक मारा जा रहा है. वहीं, योजना के संचालक को नुकसान ना हो उसके लिए उन्हें लगभग 25 रुपये की राशि दी जाती है.
HIGHLIGHTS
योजना में एक करोड़ का घोटाला आया सामने
रमना, रामकंडा केंद्र के संचालकों ने किया खुलासा
कोरोना काल में राशन की हुई कालाबाजारी
महिला ठेकेदार पर राशन की कालाबाजारी का आरोप
Source : News State Bihar Jharkhand