मनरेगा घोटाला और अवैध माइनिंग के जरिए मनी लांड्रिंग मामले में झारखंड की निलंबित सीनियर आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका को ईडी के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया है. वह पिछले 11 मई से जेल में बंद हैं. कोर्ट में सिंघल की ओर से दायर जमानत याचिका पर उनकी ओर से पक्ष रखते हुए उनके अधिवक्ता ने कहा कि वह निर्दोष हैं. ईडी ने जो रुपये बरामद किये हैं, वह उनका नहीं है. वहीं ईडी की ओर से कहा गया कि सिंघल ने अवैध माइनिंग के जरिए गलत तरीके से राशि अर्जित की है. कई बैंकों में उनके अकाउंट है .अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर कमाई गयी राशि की मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला बेहद गंभीर है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
बता दें कि, इस मामले में पूर्व में ही पूजा सिंघल समेत उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ ईडी ने 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है.
आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा ,खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए पूजा के खाते में सैलरी से 1.43 करोड अधिक थे. ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटाई. ईडी ने बीते 6 मई को पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीए सुमन सिंह के आवास से 19.31 करोड़ रुपए नगद बरामद हुए थे. इसके बाद 11 मई को उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
Source : IANS