झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान रिम्स में पिछले तीन माह में उनसे मिलने वाले लोगों की सूची नहीं पेश किये जाने पर नाराजगी प्रकट की. अदालत ने राज्य के कारा महानिरीक्षक एवं बिरसा मुंडा जेल के अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि स्पष्ट आदेश के बावजूद यह सूची क्यों नहीं पेश की गयी.
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने राज्य के कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक को इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी किया और दोनों को 27 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया. नोटिस में दोनों को यह बताने को कहा गया है कि अदालत के नौ अक्तूबर के स्पष्ट आदेश बावजूद आदेश का पालन करते हुए मुलाकातियों और जेल नियमावली के पालन पर जानकारी क्यों नहीं दी गयी. खास तौर पर तब जब अदालत का आदेश उन्हें ससमय उपलब्ध हो गया था.
Source : Bhasha