जब आपकी बेटी की शादी बहुत धूमधाम से की जाती है और यदि जीवनसाथी और परिवार गलत निकलता है या गलत काम करता है तो आपको अपनी बेटी को आदर और सम्मान के साथ अपने घर वापस लाना चाहिए. क्योंकि बेटियां बहुत अनमोल होती हैं. यह संदेश रांची के कैलाश नगर स्थित कुम्हार टोली निवासी प्रेम गुप्ता ने समाज के लिए दिया है. जब ससुराल में घुट घुट कर जी रही बेटी को उसके पिता ने बैंड बाजे के साथ वापस लाकर मानो उसे पिंजरे से आजाद कर दिया हो. बैंड बाजे के साथ हो रही यह आतिशबाजी राजधानी रांची के कैलाश नगर निवासी प्रेम गुप्ता की बेटी के लिए है, लेकिन यह मामला बैंड बाजा और बारात से थोड़ा अलग है. क्योंकि इसमें बेटी अपने पिता के घर से विदा होने की जगह होकर अपने ससुराल से अपने पिता के घर वापस लाई जा रही और वो भी बैंड बाजे के साथ.
पति ने दिया दोखा तो पिता ने दिया साथ
ससुराल से विदा हुई साक्षी गुप्ता ने कहा कि मैंने धूमधाम से शादी की थी, लेकिन ससुराल में खुश नहीं थी. बाद में पता चला कि उसका पति दो शादी कर चुका है और उम्र में भी बड़ा है. बिजली विभाग में कार्यरत है. इसलिए अपने करतूतों को मैनेज करने की कोशिश करता रहा. वहाँ में घुट घुट कर जीने को मजबूर थी. इसीलिए जिस तरीके से बंद बजे के साथ उसकी बारात आई थी. ठीक उसी तरीके से बैंड बाजे के साथ घर लौट गई. इसमें मेरे पिता ने मेरा बहुत सहयोग दिया. मैं उन सारे माता-पिता से अनुरोध करती हूं कि अपनी बेटी बोझ ना समझे और अगर बेटी आपकी कहीं मुसीबत में है तो उसकी मदद करें. सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की कोशिश करें. साक्षी फिलहाल जयपुर में है.
समाज के लिए संदेश
आम तौर पर देखा जाता है कि ससुराल में बेटियां कितनी ही प्रताड़ित हो रही हों, लेकिन माता-पिता समझौता कराने के लिए कहते हैं. लेकिन इस पिता ने समाज में एक खास संदेश दिया है कि बेटियां अनमोल होती है. हमें हर किसी भी तरह के हालातों में अपनी बेटियों के साथ खड़े रहना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- ससुराल में घुट घुट कर जी रही थी बेटी
- पिता बैंड बाजे के साथ ले गए वापस
- पति ने दिया दोखा तो पिता ने दिया साथ
Source : News State Bihar Jharkhand