गढ़वा के जंगलों में इन दिनों मौत ने दस्तक दी हुई है. आदमखोर तेंदुए से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. तेंदुए की दहाड़ से पूरे जिले में खामोशी छा जाती है. आदमखोर की चहलकदमी की आहट से ही पूरा गांव सहम जाता है. कदम-कदम पर आदमखोर तेंदुए की आहट ने लोगों का जीना दुशवार कर दिया है. खूंखार तेंदुए ने अब तक कई मासूमों को अपना शिकार बना लिया है और वो अभी भी जंगलों में अपने नए शिकार की ताक में छुपा बैठा है.
बीते 20 दिनों से तेंदुए ने ग्रामीणों का घर से निकलना भी मुश्किल कर दिया है. दिन में तो जैसे-तैसे समय कट जाता है, लेकिन शाम ढलते ही शिकारी की दहशत से लोग घरों में दुबक जाते हैं. तेंदुए ने अब तक तीन मासूमों की जान ले ली है. 14 दिसंबर को 8 साल की मासूम की जान ली थी. उसके बाद 19 दिसंबर को 7 साल की मासूम को मौत के घाट उतारा था. 28 दिसंबर को 14 साल के मासूम को अपना निवाला बना लिया था.
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वहीं, खूंखार शिकारी को अब पिंजड़े में कैद करने की कवायद तेज हो गई है. वन विभाग अलर्ट मोड पर है. तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने 50 से भी ज्यादा कर्मचारियों को काम पर लगा दिया गया है. तेंदुए पर नजर रखने के लिए 50 से भी ज्यादा कैमरे और ड्रोन लगाए गए हैं, इसके अलावे कई कैच भी लगाए गए हैं. जिसमें बकरे को बांध दिया गया है ताकि शिकार की लालच में शिकारी ही शिकार बन जाए. हालांकि वन विभाग के मुख्य संरक्षक के मुताबिक अभी शूट करने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है क्योंकि इस इलाके में लगभग 100 के आस-पास तेंदुए हैं. इसलिए कौन सा तेंदुआ आदमखोर है उसे पहचानना मुश्किल हो रहा है.
बहरहाल, आदमखोर को पकड़ने के लिए मुस्तैदी तेज कर दी गई है. चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इस नरभक्षी के हर शिकार पर कई सवाल खड़े होते हैं. सवाल ये कि तेंहुए को काबू करने में इतने दिन कैसे लग गये. कैसे एक आदमखोर एक के बाद एक मासूमों को शिकार बनाता रहा. कहीं ना कहीं ये वनकर्नियों की नाकामियों का भी नतीजा है.
रिपोर्ट : धर्मेन्द्र कुमार
HIGHLIGHTS
- गढ़वा के जंगलों में मौत की दस्तक
- आदमखोर तेंदुए से ग्रामीणों में दहशत
- कई मासूमों पर बरपा नरभक्षी का कहर
- CCTV, ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नज़र
Source : News State Bihar Jharkhand