झारखंड में डेंगू और चिकनगुनिया का बढ़ता प्रकोप डराने लगा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक इन दोनों बीमारियों के 500 से ज्यादा मरीज मिले हैं. इसे लेकर विभाग ने अलर्ट जारी किया है. राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है. राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में फिलहाल डेंगू के 15 मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा है. डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज रांची में पाये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर महीने में रांची में डेंगू के लिए 529 सैंपल की जांच की गई.
इनमें से 71 प़ॉजिटिव केस पाये गये. चिकनगुनिया के भी इतने ही सैंपल की जांच में 98 लोग इससे पीड़ित पाये गये. पूरे राज्य की बात करें तो इस महीने कुल 1092 सैंपल की जांच में 141 लोग डेंगू और 182 लोग चिकनगुनिया से पीड़ित पाये गये. इधर रांची के नगर निगम ने शहर के तीन वाडरें मे डेंगू के लार्वा की जांच के लिए सैंपल सर्वे किया. वार्ड नंबर 51,52 और 53 के घरों से जुटाये गये सैंपल में कुल 552 घरों में डेंगू के लार्वा पाये गये.
इस रिपोर्ट के आधार पर रांची की मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि निगम क्षेत्र में युद्ध स्तर पर कोल्ड फॉगिंग शुरू करायें. इसके साथ ही नालियों और जलजमाव वाले क्षेत्रों में हैंड स्प्रे का भी निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जन को भेजे गये निर्देश में कहा है कि इन बीमारियों के सैंपल जांच से लेकर इलाज तक की व्यवस्था पर निगरानी रखें.
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