Advertisment

शिव भक्ति में डूबे भक्त, देवघर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

पवित्र श्रावण मास में शिवभक्त कवड़ियों में आस्था का समुद्र उमड़ पड़ा है. झारखंड का शिवनगरी चारों ओर से कावड़ियों से पट चूका है. सावन के इस पवित्र माह में शिवभक्त महादेव को खुश करने के लिए बड़ी शिद्दत से पूजा अर्चना कर मनोवांक्षित फल की प्राप्ति करते हैं

author-image
Rashmi Rani
New Update
deoghar

देवघर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब( Photo Credit : फाइल फोटो )

Advertisment

सावन महीना सबसे पवित्र माना जाता है, इस महीनें में भगवान भोले नाथ की पूजा की जाती है. इसके लिए झारखंड के देवघर की सबसे ज्यादा मान्यता है. लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से देवघर आते हैं. यहां भक्त सावन के महीने में कांवड़ लेकर आतें हैं और जलाभिषेक करते हैं. कहते हैं कि भगवान भोले नाथ यही बस्ते हैं. जब रावण ने भोले नाथ को जबरदस्ती ले जाना चाहा था तो कुछ ऐसी लीला हुई कि उसने भगवान को देवघर में ही छोड़ दिया और तब से भगवान यहीं वास कर रहें हैं. 

शिवभक्त कवड़ियों की उमड़ी भीड़ 

पवित्र श्रावण मास में शिवभक्त कवड़ियों में आस्था का समुद्र उमड़ पड़ा है. झारखंड का शिवनगरी चारों ओर से कावड़ियों से पट चूका है. सावन के इस पवित्र माह में शिवभक्त श्रद्धालु देवाधिदेव महादेव को खुश करने के लिए बड़ी शिद्दत से पूजा अर्चना कर मनोवांक्षित फल की प्राप्ति करते हैं. कहते हैं कि श्रावण के इस पवित्र दिन पर व्रत करने से भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा व्रत‍ियों और उनके पर‍िवार के सदस्‍यों पर बनी रहती है.

क्यों की जाती है इस महीने भोले नाथ की अराधना 

मान्यता है कि भगवान शंकर की आराधना के लिए सावन मास सर्वश्रेष्ठ होता है. श्रावण भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं. मान्यता यह है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पुरे श्रावण महीने में कठोर तप किया था, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की थी. इसी वजह से इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं.

दो साल बाद लगा श्रावणी मेला 

कोरोना के दो साल बाद हो रहे इस बार की श्रावणी माह में झारखंड के देवघर और बासुकीनाथ धाम में जलार्पण करने वाले कावड़ियों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी है जो कि उम्मीद से कही ज्यादा है. पैदल कावड़ियों के साथ डाक कावड़िया भी जलार्पण करने बासुकीनाथ धाम पहुंच रहें हैं.

कावड़ लेकर 105 किमी पैदल पहुंचे हैं देवघर 

श्रावणी के पवित्र माह में श्रद्धालु कावड़ लेकर बिहार के सुल्तानगंज घाट से गंगाजल कावड़ में लेकर 105 किमी पैदल झारखंड के देवघर बाबा वैधनाथ धाम फिर फौजदारी बाबा बासुकीनाथ धाम पहुंचते हैं. यहां झारखंड बिहार के अलावा बंगाल, भूटान, उड़ीसा, यूपी, मध्यप्रदेश, सिक्किम, असम और नेपाल सहित देश और विदेश के लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने पूरे सावन महीने में आतें हैं.

प्रशासन के तरफ से की गई है पूरी तैयारी 

प्रशासन चप्पे-चप्पे पर तैनात है. बता दें कि सिविल ड्रेस में भी फ़ोर्स की तैनाती की गई है. सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है. कावड़ियों को मेडिकल की सुविधा देने के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं. चलंत मेडिकल वाहन और एम्बुलेंस की सुविधा दी गई है ताकि कावड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो.

Source : News Nation Bureau

jharkhand-news Devotees Lord Shiv sawan month Deoghar Baba Basukinath Dham Baba Vaidhinath Dham sawan month 2022
Advertisment
Advertisment