धनबाद के बहुचर्चित जज उत्तम आनंद हत्याकांड में दोषी पाये गये लखन वर्मा और राहुल वर्मा को CBI की धनबाद स्थित विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने दोनों पर तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. धनबाद के सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि 28 जुलाई 2021 को मॉनिर्ंग वॉक पर निकले जज उत्तम आनंद की हत्या करने के इरादे से इन दोनों ने उन्हें ऑटो से टक्कर मारी थी.
गौरतलब है कि इस मामले की जांच झारखंड सरकार की सिफारिश जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने भी इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए इसपर स्वत: संज्ञान लिया था.
अदालत ने इस हत्याकांड का तेजी से ट्रायल किया. सीबीआई ने इस मामले में 20 अक्तूबर 2021 को लखन और राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302/201/34 के तहत अदालत में आरोप पत्र समर्पित चार्जशीट पेश किया था. इसके बाद मामले के ट्रायल के दौरान सीबीआई की ओर से कुल 58 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था. सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी थी जिससे उनकी मौत हुई.
विशेष न्यायाधीश की अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के क्राइम ब्रांच के स्पेशल पीपी अमित जिंदल ने अपनी दलील में कहा कि जज की हत्या एक्सीडेंटल नहीं, बल्कि इंटेशनल थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से लेकर फोरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, थ्रीडी इमेज और वीडियो फुटेज इस बात की पुष्टि करते हैं कि दोनों आरोपियों लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा ने मोबाइल छीनने के लिए जानबूझकर जज को आटो से ठोकर मारी. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान से यह बात स्पष्ट हो गई है कि घटना के समय ऑटो को लखन वर्मा चला रहा था तथा राहुल वर्मा उसकी बगल वाली सीट पर बैठा था. गवाहों ने दोनों की पहचान भी की है.
वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदु ने गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से दुर्घटना का मामला बनता है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने बीते 28 जुलाई को ही लखन वर्मा और राहुल वर्मा को दोषी करार दिया था. शनिवार को इनकी सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद जज ने दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई.
Source : IANS