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Dhanbad News: हेवी ब्लास्टिंग से कई घर बर्बाद, डर के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण

धनबाद में BCCL के हेवी ब्लास्टिंग से कई घर बर्बाद हो गए. अचानक हुए धमाके से घरों में दरारें पड़ गई. दीवार टूटकर गिरने लगी. जैसे तैसे लोगों ने भागकर जान बचाई.

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Jatin Madan
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दीवारों पर दरार.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

धनबाद में BCCL के हेवी ब्लास्टिंग से कई घर बर्बाद हो गए. अचानक हुए धमाके से घरों में दरारें पड़ गई. दीवार टूटकर गिरने लगी. जैसे तैसे लोगों ने भागकर जान बचाई. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. सालों से यहां के ग्रामीण इसी तरह पल पल डर के साए में जीने को मजबूर हैं. जब वो पुनर्वास की मांग करते हैं तो उनकी मांगों को अनसुना कर दिया जाता है. धनबाद में एक बार फिर BCCL की हैवी ब्लास्टिंग की भेंट कई आशियाने चढ़ गए. ब्लास्टिंग से कई घरों को नुकसान पहुंचा है. गनीमत ये रही कि घरों में रहने वाले लोग बाल बाल बचे गए, लेकिन घर तबाह हो गए हैं. अनाज, बर्तन बर्बाद हो गए हैं.

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विकास के रास्ते विनाश की तस्वीर

वैसे तो बीसीसीएल कतरास इलाके के वेस्ट मोदीडीह अंगार पथरा भूली क्वार्टर में रहने वाले लगभग 20 परिवारों पर हमेशा से खतरा मंडराता रहता है. क्योंकि आबादी वाले इलाके से महज कुछ मीटर की दूरी पर बीसीसीएल हैवी ब्लास्टिंग करता है, लेकिन इस बार BCCL की हैवी ब्लास्टिंग ने कई घरों को अपनी जद में ले लिया. जिससे घरों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई. घर का प्लास्टर टूटकर गिरने लगा है. लोग घरों के बाहर रहने को मजबूर हो गए हैं.

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यहां के ग्रामीण हमेशा से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन हर बार उनकी मांगों को अनसुना कर दिया जाता है. ऐसे में इस बार गुस्साए ग्रामीणों ने ब्लास्टिंग के बाद BCCL परियोजना का काम रोक दिया. आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर जमकर विरोध जताया. हालांकि परियोजना को बाधित करने की जानकारी मिलने पर मौके पर BCCL अधिकारी और भारी संख्या में सीआईएसएफ के जवान पहुंच गए. ग्रामीणों को समझाने की कोशिश भी की गई, लेकिन ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वो आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.

डर के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण

ग्रामीणों को समझाने के बजाय अगर उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए तो ज्यादा बेहतर होगा. हर दिन डर के साए में जीने वाले ग्रामीणों की मांग पर आज तक BCCL प्रबंधन ने सुनवाई नहीं की है. ऊपर से आबादी वाले इलाकों से कुछ ही दूरी पर ब्लास्टिंग करते हैं. अगर ग्रामीण विरोध करें तो उन्हें ही समझाइश दी जाती है. ना तो उनके पुनर्वास की कोशिश की जा रही है और ना ही उनकी सुरक्षा के लिए नियमों का पालन हो रहा है. ऐसे में ग्रामीणों के पास सिर्फ दो ही विकल्प रह जाते हैं. चाहे तो वो अपना घर बार छोड़कर चले जाए या डर के साए में ही अपना जीवन बिता दें, लेकिन दोनों ही सूरत में ये ग्रामीणों के साथ अन्याय है. जरूरत है कि सरकार इनपर नजर-ए-इनायत करें.

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रिपोर्ट : नीरज कुमार

HIGHLIGHTS

  • खोखला विकास... जमींदोज आशियाने
  • विकास के रास्ते विनाश की तस्वीर
  • दीवारों पर दरार... चेहरे पर बेबसी
  • डर के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण
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Source : News State Bihar Jharkhand

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