11 दिसंबर 1935 को भारत के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का जन्म हुआ था. लगभग 5 दशक तक कांग्रेस में रहने वाले प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने लाया था. उनका जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था. उनका राजनीतिक जीनव बेहद शानदार रहा है. पांच दशकों के लंबे राजनीतिक अनुबव के बाद प्रणब मुखर्जी को देश का राष्ट्रपति बनाया गया था. 5 बार राज्यसभा सांसद रहे और दो बार लोकसभा सांसद रहे प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.
अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने वाले प्रणब मुखर्जी सिर्फ एक सफल नेता ही नहीं रहे बल्कि डिप्टी एकाउंटेंट-जनरल, कलकत्ता के कार्यालय में क्लर्क, विद्यानगर कॉलेज में प्रोफेसर, देशेर डाक में एक पत्रकार के रूप में भी उन्होने काम किया था. प्रणब मुखर्जी देश के पहले राज्यसभा सांसद थे जिन्होंने वित्तमंत्री का भी कार्यभार संभाला था. बतौर वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल में 7 बार बजट पेश किया था.
प्रणब मुखर्जी को देश में उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिल चुका है जिसमें 2019 में उन्हें दिया गया 'भारत रत्न' सम्मान बी शामिल हैं. प्रणब मुखर्जी को उनके साथी और परिवार के लोग 'पोल्टू' कहकर संबोधित करते थे. उनके राजनीतिक करियर में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने अहम भूमिका निभाई थीं और उन्होंने प्रणब मुखर्जी को कांग्रेस में लाया था. देश की न्यायिक व्यवस्था में विश्वास रखनेवाले प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति रहते हुए कई दया याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इनमें अफजल गुरु और आतंकि आमिर अजमल कसाब की भी दया याचिका शामिल थी. उनकी जयंती के अवसर पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने उन्हें याद और श्रद्धांजलि अर्पित की.
Source : Shailendra Kumar Shukla