लातेहारवासियों का सपना हो रहा है साकार, श्री सूर्यनारायण मंदिर का निर्माण शुरू
लातेहारवासियों का सपना जल्द ही साकार होने वाला है. बीते कई सालों से श्री सूर्यनारायण मंदिर निर्माण की बाट जोह रहे जिलावासियों को अब और इंतजार नहीं करना होगा.
लातेहारवासियों का सपना जल्द ही साकार होने वाला है. बीते कई सालों से श्री सूर्यनारायण मंदिर निर्माण की बाट जोह रहे जिलावासियों को अब और इंतजार नहीं करना होगा. श्री सूर्यनारायण मंदिर का निर्माण कार्य औरंदा नदी तट पर शुरू हो चुका है. समिति के सदस्यों की देख-रेख में तेजी से मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है. लातेहार वासी पिछले कई सालों से औरंदा नदी तट पर छठ पूजा करते आ रहे हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को लंबे समय से श्री सूर्यनारायण मंदिर के निर्माण का इंतेजार था. लातेहार वासियों का ये सपना अब साकार होता नजर आ रहा है. मंदिर का निर्माण चटनाही स्थित औरंदा नदी तट पर कराया जा रहा है. यहां सबसे खास बात ये है कि श्री सूर्यनारायण मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने श्रमदान किया है.
आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लगभग चार सौ करोड़ रु की लागत राशि से होना है. जिसके लिए पूरे लातेहार के लोग बढ़चढ़ सहयोग कर रहे हैं. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. श्री सूर्यनारायण मंदिर लातेहार जिला का पहला सूर्य मंदिर होगा. वहीं, 22 जनवरी को रांची के आर्किटेक्ट ने मंदिर का ढांचा तैयार किया. मंदिर का स्तंभ खड़ा करने के लिए ढांचा तैयार हो गया है. मंदिर के नीचे हॉल और ऊपर में 7 गुबंद बनाया जाएगा. जिसमें हर एक गुबंद की ऊंचाई 81 फीट की होगी. सभी गुबंद लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा.
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य कोरोना काल से पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते निर्माण रोक दिया गया. हालांकि अब दोबारा काम शुरू हो चुका है. मंदिर का निर्माण 20 डिसमिल जमीन पर किया जा रहा है. इसके निर्माण कार्य के लिए स्थानीय लोगों का काफी सहयोग भी मिल रहा है. चूंकि ये घाट हज़ारों लोगों के आस्था जुड़ा हुआ है. लिहाजा मंदिर निर्माण से छठ व्रतियों को पूजा में काफी सहूलियत होगी. यही वजह है कि लोग दिन रात मेहनत कर निर्माण कार्य में जुटे हैं.
निर्माण कार्य के लिए विधायक वैधनाथ राम और चतरा सांसद सुनील सिंह ने भी सहयोग करने की बात समिति से कही है. हालांकि फिलहाल स्थानीय लोगों के सहयोग पर ही निर्माण हो रहा है. निर्माण पूरा होने के बाद ये मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र बन जाएगा.