लातेहार की जनता बीते 5 दशक से मंडल डैम बनने का इंतजार कर रही है, लेकिन ये इंतजार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इन 5 दशकों में केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक बदल गई, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वो है डैम की हालत. जो आज भी खंडहर की तरह हैं. मंडल डैम की शुरूआत साल 1970 में की गई थी. ये परियोजना लातेहार जिले के मंडल गांव में लाई गई थी. उम्मीद थी कि जल्द ही मंडल डैम से बिजली का उत्पादन होगा और पानी से झारखंड और बिहार की एक लाख 20 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी हो पाएगी.
नक्सलियों की डैम पर नजर
लिहाजा उत्साह के साथ इस परियोजना की शुरूआत हुई. 90 प्रतिशत काम पूरा भी हो गया, लेकिन 1933 में अचानक इस परियोजना पर रोक लगा दी गई. इसके बाद 1997 में भीषण बाढ़ ने जिले में भारी तबाही मचाई. इस बीच नक्सलियों की नजर डैम पर पड़ गई. नक्सलियों ने पुल निर्माण में लगे अधीक्षण अभियंता की बंधक बनाकर हत्या कर दी. साथ ही, डैम के कई हिस्सों को ब्लास्ट कर उड़ाने की कोशिश भी की और इसी के साथ डैम निर्माण यहां के लोगों के लिए सपना बनकर रह गया.
पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
1997 के बाद साल 2019 में एक बार फिर लातेहारवासियों की आस जगी. जब 5 जनवरी, 2019 को चियांकी हवाई अड्डा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वकांक्षी परियोजना का ऑनलाइन शिलान्यास किया, लेकिन पीएम के शिलान्यास करने के बाद भी आजतक डैम का काम एक प्रतिशत भी आगे नहीं बढ़ा है. आलम ये है कि बांध खंडहर में तब्दील हो गया है और इसको लेकर अब कांग्रेस और JMM बीजेपी पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के कदावर नेता केएन त्रिपाठी का कहना है कि बीजेपी आदिवासियों को बेवकूफ समझती है. उनका मकसद सिर्फ प्रलोभन देकर आदिवासियों का वोट लेना है.
सुरक्षा के चलके काम अटका
एक तरफ जहां JMM और कांग्रेस बीजेपी पर जनता से धोखेबाजी का आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर चतरा सांसद सुनील सिंह का कहना है कि मंडल डैम परियोजना को लेकर भारत सरकार बेहद गंभीर है. परियोजना का कार्य मोहम्मदगंज से शुरू हो चुका है. निर्माण कार्य की तमाम अड़चनों को दूर कर लिया गया है, लेकिन सुरक्षा के चलते काम नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बिना नाम लिए प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सुरक्षा की जवाबदेही किसकी है ये बात सभी को पता है.
किसानों को होगा बड़ा फायदा
सियासी वार-पलटवार से इतर बात करें तो डैम बनने से ना सिर्फ जिले की जनता बिजली की समस्या से निजात पाएगी. बल्कि झारखंड से लेकर बिहार तक बड़ी संख्या में किसानों को सिंचाई की परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन सियासी दलों की आपसी तकरार की वजह से हजारों करोड़ की ये परियोजना आज भी अधर में लटकी हुई है.
रिपोर्ट : गोपी कुमार सिंह
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HIGHLIGHTS
- 5 दशक से मंडल डैम का इंतजार
- नक्सलियों की डैम पर नजर
- पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
- सुरक्षा के चलके काम अटका
- किसानों को होगा बड़ा फायदा
Source : News State Bihar Jharkhand