झारखंड में विधानसभा चुनाव कब होंगे इसका ऐलान आज होगा. चुनाव आयोग आज यानी शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा. जानाकरी के मुताबिक चुनाव आयोग शाम 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा और इसी के साथ राज्य में चुनाव आचार सहिंता लागू हो जाएगी.
बता दें, चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक दल दांव-पेच अपनाकर अपनी ताकत बढ़ाने में नजर आ रहे हैं. पक्षी दल (Opposition party) अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर एक-दूसरे के साथ चलने को राजी हैं, परंतु दावेदारी और वफादारी दलों के बीच आड़े आ जा रही है. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में विपक्षी दल अभी तक हालांकि औपचारिक रूप से यह नहीं तय कर पाए हैं कि इस विधानसभा चुनाव में उनके बीच का तालमेल किस तरीके का होगा. हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के बीच सहमति बनी थी, जिसमें तय किया गया था कि विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर ही मैदान में उतरा जाएगा.
Election Commission of India to announce schedule for Jharkhand assembly elections today. pic.twitter.com/3Xb3HfqdHo
— ANI (@ANI) November 1, 2019
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कांग्रेस (Congress, Jharkhand) के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव कहते हैं कि इस विधानसभा चुनाव में झामुमो बड़े भाई की भूमिका में रहेगा, यह बात लोकसभा चुनाव में ही तय कर ली गई थी. उन्होंने गठबंधन के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि सबकुछ तय है, और जल्द ही विपक्षी दलों के महागठबंधन की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मुख्य लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से हटाना है.
उरांव कहते हैं कि अभी सभी दलों से अलग-अलग बात हो रही है, और जब सभी हम लोग एक साथ बैठेंगे तो सब कुछ तय हो जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन का स्वरूप अभी तय नहीं है, परंतु झामुमो और कांग्रेस ने सीट बंटवारे को लेकर जो रूपरेखा तय की है, उसके मुताबिक झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में झामुमो जहां 44 सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं कांग्रेस 27 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा वामपंथी दलों को पांच-पांच सीटें देने की योजना है.
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इस गुणा-भाग के बीच संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) गठबंधन में शामिल नहीं होगी. राजनीतिक समीक्षक और झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र कहते हैं कि झारखंड में विपक्षी दलों का अलग-अलग गठबंधन हो सकता है, परंतु 'महागठबंधन' की उम्मीद करना बेमानी है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि झाविमो के नेता मरांडी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कभी भी नेता नहीं मान सकते और जिस महागठबंधन में झाविमो नहीं होगा, उसका क्या मतलब?उन्होंने कहा कि झामुमो और कांग्रेस ने महागठबंधन को लेकर जो भी फॉर्मूला तय किया हो, परंतु सभी पार्टियां इसे मान लें, इसमें शक है. मिश्र कहते हैं कि दावेदारी पूरा करना आसान नहीं है.