झारखंड की सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रुपए की लेनदेन के संदेह और आरोपों पर कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की ओर से रांची के अरगोड़ा थाने में दर्ज कराई गई जीरो एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू कर दी है. ईडी ने इस संबंध में केस दर्ज करते हुए कांग्रेस के तीन विधायकों डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को अभियुक्त बनाया है. इन तीनों विधायकों को बीते 30 जुलाई को हावड़ा में 45 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था. तीन विधायकों की गिरफ्तारी के अगले दिन इसी पार्टी के विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाने में 31 जुलाई को जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी.
विधायक अनूप सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार गिराने के लिए भाजपा नेताओं के साथ मिलकर तीनों विधायकों ने साजिश रची थी. अनूप सिंह के मुताबिक सरकार गिराने के लिए इन साथी विधायकों के जरिए उन्हें 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर दिया जा रहा था. कांग्रेस विधायक अनूप ने अपनी शिकायत में कहा था कि इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और विक्सल कोंगाड़ी उन्हें कोलकाता बुला रहे थे. उन्हें कहा गया था कि सरकार गिराने के बदले प्रति एमएलए 10 करोड़ रुपये दिये जाने थे.
अनूप के अनुसार, इरफान अंसारी और राजेश कच्छप चाहते थे कि वह कोलकाता जाए. वहां से वे लोग उन्हें गुवाहाटी लेकर जाते और उनकी मुलाकात असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से कराकर उन्हें मंत्री पद के लिए आश्वस्त करते. अनूप ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा था कि उन्हें जानकारी दी गई थी कि हिमंत बिस्वा सरमा यह सब पार्टी के टॉप लीडर्स के आशीर्वाद और उनकी सहमति से कर रहे हैं. इधर, इस मामले में तीनों विधायक डॉ इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी को कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को नियमित जमानत दे दी है. इसके पहले उन्हें औपबंधिक जमानत दी गई थी, जिसकी शर्तों के मुताबिक उन्हें कोलकाता छोड़कर अन्यत्र जाने की इजाजत नहीं थी.
बहरहाल, अब इस मामले में जब तीनों विधायकों को झारखंड आने की इजाजत मिल गई है तो उनका सामना अब ईडी से होना तय है. सूत्रों के मुताबिक इन तीनों को पूछताछ के लिए जल्द बुलाया जा सकता है.
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