झारखंड में एक तरफ आसमान से आग बरस रही है तो दूसरी तरफ बिजली की आंख मिचोली से प्रदेश की सवा तीन करोड़ जनता त्राहिमाम कर रही है. झारखंड की राजधानी रांची के अलावा सूबे के 24 जिले में बिजली की लचर व्यवस्था लोगों को खून के आंसू रुला रही है. प्रचंड गर्मी में लोग बिना बिजली के गुजारा कर रहे हैं और विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधि हैं कि दावे से बाज नहीं आ रहे हैं.
दिन में सिर्फ 8-9 घंटे बिजली
झारखंड में एक बार फिर बिजली संकट ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. 24 घंटे में लोगों को सिर्फ 8-9 घंटे तक बिजली मिल पा रही है. अब इस भीषण गर्मी में बिना बिजली के लोग गुजारा कैसे कर रहे हैं. ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. हालांकि परेशानी सिर्फ आम जनता को ही नहीं है बल्कि राजधानी रांची के अलावे कई जिलों में उद्योग-धंधे ठप हो गए हैं. लोग मोमबत्ती और इमरजेंसी लाइट्स के सहारे दिन काट रहे हैं.
बढ़ी सियासी सरगर्मी
एक तरफ जनता बिजली के लिए हाहाकार कर रही है तो दूसरी ओर गुल हुई बिजली ने प्रदेश की सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. बीजेपी और सत्ता पक्ष में प्रतियोगिता शुरू हो गई है. जहां बीजेपी का दावा है कि उनकी सरकार में झारखंड को 18-22 घंटे तक बिजली मिलती थी तो वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष का कहना है कि झारखंड में बिजली आपूर्ति निर्बाध नहीं हो रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इसके लिए कवायद कर रही है.
प्रदेश में हीटवेव
बहरहाल मामले पर सियासत तो होती रहेगी, लेकिन सवाल जनता की परेशानी का है. अब बिजली की आपूर्ति क्यों नहीं हो पा रही ये देखना और समस्या का हल करना सरकार की जिम्मेदारी है. क्योंकि बयानबाजी और दावों से तो इस समस्या का हल होने से रहा. इस भीषण गर्मी में जहां प्रदेश के कई जिलों में हीटवेव जैसे हालात बन रहे हैं. ऐसे में बिना एसी और पंखे के रहना भी किसी जंग लड़ने जैसा है. जरूरत है कि सरकार जल्द से जल्द इस परेशानी का निपटारा करे ताकि जनता को दोहरी मार ना झेलनी पड़े.
रिपोर्ट : सूरज कुमार
HIGHLIGHTS
- बिजली के लिए त्राहिमाम
- दिन में सिर्फ 8-9 घंटे बिजली
- आम लोगों का जीना दूभर
Source : News State Bihar Jharkhand