झारखंड में बिजली की आंख मिचौली का खेल अब भी जारी है. पिछले डेढ़ महीनों से लगातार हो रही बिजली समस्या से गांव, कस्बों से लेकर शहर तक के लोग परेशान हैं, तो जनता के सेंटीमेंट से जुड़े इस मुद्दे को लेकर बीजेपी भी सोरेन सरकार पर हमलावर है. प्राकृतिक संसाधनों से भरे झारखंड प्रदेश में इस समय बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. जबकि इसको काला हीरा वाला प्रदेश बोला जाता है. यानि यहां कोयले की खदान है. इसके बावजूद यहां बिजली का संकट समझ से परे है. आलम ये है कि किसानों के खेती बारी से लेकर शहर के छोटे-बड़े उद्योगों पर बिजली संकट गहराता जा रहा है.
हालांकि सीएम सोरेन ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द इस समस्या से निजात दिलाने का निर्देश दिया और बकाये राशि का भुगतान जल्द करने की बात कही थी. सीएम के निर्देश के बाद शहरी क्षेत्रों में तो थोड़ा बहुत बिजली का संकट तो दूर हुआ, लेकिन गावों और कस्बों में अब भी वही हालात हैं. वहीं, झारखंड बिजली विभाग निगम लिमिटेड के अधिकारी ने कहा कि मसला बकाए राशि की है. इसलिए समस्या हो रही है. हालांकि बिजली समस्या में पहले से सुधार हो रहा है.
अधिकारी कह रहे हैं कि जल्द ही बिजली की समस्या में सुधार होगा, लेकिन कब तक होगा ये कोई नहीं बता रहा. उधर राज्य में बिजली संकट को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्ष का आरोप है कि जब राज्य के उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं तो आखिरकार पैसे कहां जा रहे हैं. सरकार बताए कि आखिरकार बिजली समस्या को लेकर गंभीर क्यों नहीं है. जबकि राज्य की जनता में बिजली को लेकर हाहाकार मचा है.
एक ओर विपक्ष झारखंड में बिजली संकट को लेकर सरकार पर हमलावर है, तो वहीं सत्तासीन इस संकट के लिए विपक्ष को ही दोषी ठहरा रहे हैं. इस समस्या का जड़ पिछली सरकार के बकाया राशि न चुकाने का तर्क भी रहे हैं, लेकिन राज्यवासियों को बिजली की संकट से कबतक इजात मिलेगी ये कोई नहीं बता रहा.
रिपोर्ट : सूरज कुमार
HIGHLIGHTS
- झारखंड में बिजली की आंख मिचौली
- डेढ़ महीने से लोगों को रुला रही बिजली
- बिजली को लेकर प्रदेशभर में हाहाकार
- बिजली संकट पर विपक्ष सरकार पर हमलावर
Source : News State Bihar Jharkhand