डेंगू को लेकर जहां पूरा राज्य हाई अलर्ट पर है, वहीं अगर धनबाद की बात करें तो यंहा सिर्फ लापरवाहियां ही नजर आ रही है. धनबाद की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है तो नगर निगम शायद महामारी का इंतजार करता हुआ दिख रहा है. धनबाद नगर निगम किस तरह लोगों की जीवन से खेलवाड़ कर रहा है, यहां जिले का हाल बयां कर रहा है. कचड़े की ढेर में निगम की फॉगिंग मशीन है तो वहीं निगम के अधिकारी सिर्फ बड़े-बड़े वादे करते नज़र आ रहे हैं. धनबाद की आबादी करीब 15 लाख और कुल 55 वार्ड हैं, जबकि फॉगिंग मशीन 11 है, जिसमें से 6 खराब हो चुकी है. अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम कितना मुस्तैद है. इस संबंध में जब अपर नगर आयुक्त से बात की गई तो वो धरातल से हट कर बड़ी-बड़ी बातें करते दिखें.
इस संबंध में पूर्व वार्ड पार्षद अशोक पाल से की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कहीं भी दवा या फॉगिंग मशीन से छिड़काव नहीं किया जा रहा है, सिर्फ कागजों में खानापूर्ति की जा रही है. अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि धनबाद नगर निगम को ना सरकार की आदेश की परवाह है और ना ही लोगों की जान की. अगर स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो सदर अस्पताल के नॉडल पदाधिकारी राजकुमार सिंह ने कहा कि अब तक लगभग 50-60 डेंगू के मरीज धनबाद में मिले हैं, जिनका इलाज सही से किया गया और स्वास्थ्य विभाग क्यूआरटी टीम उन जगहों पर जाकर दवा का छिड़काव भी किया गया है. साथ ही निगम से भी पत्राचार कर उन जगहों पर फॉगिंग कराने का निर्देश भी दिया गया है.
बहरहाल अब देखना है कि कुंभकर्णी नींद में सोई हुई निगम के अधिकारियों की नींद कब खुलती है और सभी जगहों पर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे बीमारियों से बचने के लिए दवा का छिड़काव व फॉगिंग की व्यापक व्यवस्था की जाती है या नहीं.
रिपोर्टर- नीरज कुमार
Source : News State Bihar Jharkhand