हमारे देश में आज भी अंधविश्वास जीवित है. लोग अंधविश्वास में आकर सारी हदें पार कर देते हैं. कभी-कभी तो अंधविश्वास शिक्षा पर भी भारी पड़ जाती है. झारखंड के गुमला में एक युवती को ट्रैक्टर चलाना महंगा पड़ गया. अंधविश्वास की चादर ओड़े गांव वालों ने युवती को इसकी सजा दे डाली. पंचायत के तरफ से ये फरमान जारी कर दिया गया कि उसे पूरे समाज से माफी मांगनी पड़ेगी. केवल इतना ही नहीं उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा.
पूरा मामला गुमला जिला में सिसई प्रखंड के डहूटोली गांव का है. जहां एक युवती के ट्रैक्टर से खेत जोतने पर गांव वालों ने जुर्माना लगा दिया. ग्रामीणों का ये कहना है कि इससे गांव में आकाल और महामारी फैल सकती है. आपको बता दें कि मंगलवार को मंजू उरांव जिनकी उम्र 22 साल है. जब ट्रैक्टर से खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने उसे रोक दिया. पूरा मामला पंचायत में जा पहुंचा, जहां ये कहा गया कि वो दोबारा ट्रैक्टर से हल नहीं चलाएगी. इसके साथ ही मंजू को माफी मांगने और जुर्माना देने को भी कहा गया. केवल इतना ही नहीं पंचायत का फरमान नहीं मानने पर मंजू का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय भी लिया गया.
आपको बता दें कि, मंजू उरांव केओ कॉलेज गुमला में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. वो एक सफल किसान भी है. उसे किसानी करना काफी पसंद है. परिवार की छह एकड़ जमीन के अलावा ग्रामीणों से 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर धान, मकई, टमाटर, आलू की खेती पिछले दो वर्षों से वो करती आ रही है. खेती से हुई आमदनी से उसने इस बार पुराना ट्रैक्टर खरीदा था. इसी ट्रैक्टर से वह जब खेत की जुताई करने लगी तो ग्रामीणों ने इसे अपशकुन बता कर रोक दिया.
मंजू ने ये फरमान मानने से इंकार कर दिया है. उसने कहा कि लड़की द्वारा खेत नहीं जोतने की बात को अंधविश्वास मानती है. लड़की जब आसमान छू सकती है, तो फिर खेती क्यों नहीं कर सकती. उसने बताया कि उसे खेती में काफी रुचि है.
Source : News Nation Bureau