झारखंड देश का ऐसा राज्य है जहां हमेशा से लड़किया हियुमन ट्रैफिंकिंग का शिकार हो जाती हैं लेकिन गढ़वा में न्याययिक अधिकारियो कि एक पहल ने बिछड़े बेटी को माता -पिता से मिला दिया. जिस पिता ने बेटी को मृत मान लिया था आज वह अपनी बेटी को देख भावुक हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि 6 महीने पहले युवती अपने घर से कामने के लिए निकली थी लेकिन बाहरी दुनिया में खो गई. पिता ने उसे मृत समझ लिया था लेकिन अचानक उसे सामने देख कर उनकी आंखे भर आई.
दरअसल, कोरवा जाति कि एक युवती छह माह पहले कमाने के मकसद से अपने घर से तो निकली लेकिन बाहरी दुनिया नहीं देखने के कारन भटक कर वह सिमडेगा पहुंच गई. युवती इतनी डरी हुई थी कि वह कुछ बोल पाने कि स्थिति में नहीं थी वह सिर्फ अपना और अपने पिता का नाम बता रही थी. मामले की जानकारी जब सिमडेगा के डालसा चेयरमैन को मिली तो उन्होंने गूगल में युवती के बताए पते को सर्च किया जिसमें चिनिया थाना क्षेत्र के चपकली गांव का पता चला. जब वहां के जज ने गढ़वा के जज कुमार विपुल को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने दो पिएलवी को वेरिफिकेशन के लिए भेजा.
पिता मान चुके थे कि वह मर गई है. पिता ने बताया की बेटी गुम हो गई थी बहुत खोजबीन किया पर वो नहीं मिली तो उसके बाद मैंने भी मान लिया की वह वापस अब नहीं लौटेगी लेकिन जज के पहल पर मेरी बेटी मेरे सामने है हमलोग बहुत खुश हैं. जिला जज ने बताया की एक अत्यंत पिछड़ा व्यक्ति जो समाज से बिलकुल कटा हुआ है ऐसे लोग यदि भटक जाते है तो इन्हें वापस लाना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में सिमडेगा और गढ़वा के डालसा चेयरमैन की पहल पर आज जो पिता अपनी गुम हुई बेटी को मृत मान चुका था उसे सौंप दिया गया है.
रिपोर्ट - धर्मेंद्र
HIGHLIGHTS
- 6 महीने पहले युवती घर से निकली थी कामने
- भटक कर वह सिमडेगा पहुंच गई थी युवती
- बेटी को मृत मान चुका था पिता
- बेटी को देख कर पिता की भर आई आंखे
Source : News State Bihar Jharkhand