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यहां जमीन के अंदर धधकती है आग, 'पाताल लोक' जैसे हैं हालात

धनबाद में सालों से हो रहे खनन की वजह से जमीन के अंदर आग धधकने लगी है. झरिया जैसे इलाकों में जमीन से आग निकलना और धुआं निकलने जैसी घटनाएं बेहद आम हो गई है, लेकिन आज तक सरकार ने इस आग को बुझाने या जिन इलाकों में ऐसे हालात है वहां के परिवारों के लिए कोई

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Jatin Madan
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तेजी से बस्ती ओर बढ़ी रही आग.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

धनबाद में सालों से हो रहे खनन की वजह से जमीन के अंदर आग धधकने लगी है. झरिया जैसे इलाकों में जमीन से आग निकलना और धुआं निकलने जैसी घटनाएं बेहद आम हो गई है, लेकिन आज तक सरकार ने इस आग को बुझाने या जिन इलाकों में ऐसे हालात है वहां के परिवारों के लिए कोई पहल नहीं की है. जिसका नतीजा है कि झरिया में अब जमीन की आग बाजार की ओर बढ़ने लगी है. आग का दायरा बढ़ता जा रहा है. आग इतनी तेजी से बढ़ रही है कि कब किस बस्ती को अपने चपेट में लेले, कह नहीं सकते. 

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जमीन फाड़कर निकलती है आग

लिरोरीपथरा में रह रहे सैकड़ों परिवार खौफ के साये में रहने को मजबूर हैं. क्योंकि जमीन फाड़कर निकलने वाली आग ने रफ्तार पकड़ ली है. इलाके की तमाम बस्तियों में हड़कंप मच गया है. लोग डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि जमीन के अंदर धधक रही आग अब बाजार की ओर बढ़ने लगी है. अगर इसी रफ्तार से आग आगे बढ़ती रही तो झरिया का अस्तित्व जल्द खत्म होने की कगार पर आ जाएगा. खासकर वो इलाका जो पहले से ही अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में शुमार है. 

एक-एक दिन बिताना मुश्किल

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लिरोरीपथरा में रह रहे परिवारों के लिए एक एक दिन बिताना मुश्किल हो रहा है. दरअसल आउटसोर्सिंग प्रबंधक की ओर से अवैज्ञानिक तरीके से धधकती आग के ऊपर मिट्टी डाल दिया जाता है. जिससे खनन वाली जगह पर तो आग दब जाती है, लेकिन वो अंदर ही अंदर झरिया की ओर बढ़ने लगती है. अब आलम ये है कि यहां कभी भी आग किसी को अपने जद में ले सकती हैं.

350 परिवारों की हालत खराब

झरिया कोल्फील्ड बचाओ समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा के साथ समिति के सदस्यों ने लिलोरीपथरा के अग्निप्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और खौफ के साये में रह रहे परिवार के लोगों से मिलकर बात की. इस दौरान समिति अध्य्क्ष का कहना था कि सरकार को ऐसे परिवारों के लिए जल्द विचार करना चाहिए इस इलाके में करीब 350 परिवारों की हालत बेहद खराब हो गई है. ऐसे में शासन-प्रशासन को इलाके का सर्वे करना चाहिए और परिवारों को मदद मुहैया करानी चाहिए.

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सबसे बड़ा बंद कोयला खदान

धनबाद में एशिया का सबसे बड़ा बंद कोयला खदान है और सालों से हो रही खनन की वजह है यहां जमीन के अंदर आग धधकने लगी है, लेकिन आज तक सरकार ने इस आग को बुझाने या जिन इलाकों में ऐसे हालात है वहां के परिवारों के लिए कोई पहल नहीं की है. जिसका नतीजा है कि झरिया जैसे इलाकों में जमीन से आग निकलना और धुआं निकलने जैसी घटनाएं बेहद आम हो गई है. हालांकि अब जब हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं ऐसे में भी सरकार कोई उठाती है या नहीं, ये देखने वाली बात होगी.

रिपोर्ट : नीरज कुमार

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HIGHLIGHTS

  • कोयलांचल का 'पाताल लोक'
  • जमीन के अंदर धधकती आग
  • तेजी से बस्ती ओर बढ़ी रही आग
  • 350 परिवारों की सुरक्षा पर सवाल

Source : News State Bihar Jharkhand

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