गुमला जिला के किसान इन दिनों काफी कम बारिश होने को लेकर काफी परेशान है. दरअसल, किसानों के खेतों में सही रूप से पानी नहीं हो पाने के कारण किसान धान की बोआई का काम शुरू नहीं कर पा रहे है. वहीं, जिला के कृषि बिभाग के पदाधिकारी भी पूरी स्तिति का लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है. उन्होंने कहा कि किसानों की हर सम्भव मदद की जाएगी. वैसे, आज जिस तरह से प्राकृति के साथ खिलवाड़ होने के कारण तेजी से मौसम में परिवर्तन हो रहा है, उससे सबसे अधिक अन्नदाता परेशान है.
बात अगर गुमला जिला की करे तो यहां की 80 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से धान की खेती पर आश्रित होती है. दुर्भाग्य की बात है कि देश की आज़ादी के कई वर्षों बाद भी पूरी तरह से यहां के किसान मानसून पर आश्रित है. जबकि, हर वर्ष अरबो रुपया सिंचाई साधना के निर्माण के साथ ही पानी को चेक कर रोकने में खर्च होता है. अगर सही रूप से सिंचाई योजना का निर्माण किया गया होता तो किसानों को धान की बोआई के साथ ही पिछड़ा तैयार करने में सुविधा होती लेकिन आज भी किसान पूरी तरह से बारिश के पानी पर आश्रित है. वर्तमान में बारिश काफी कम होने के कारण खेतो की स्तिथि काफी दयनीय है और किसान परेशान हैं. कई जगहों पर तो किसान अन्य जल स्रोतों से पानी पंप के माध्यम से खेतों तक पहुचकर खेती करने की कोशिश कर रहा है.
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झारखंड के लगभग हर जिले में नदियों की उपलब्धता होने के बाद भी बारिश के जल को रोकने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से किसानों को इस तरह से परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि बारिश नही होती है बारिश अंत अंत तक पर्याप्त हो जाती है लेकिन शुरुआती दौर में पानी नहीं मिलने से किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. हालांकि, जिला के कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर इस मामले को लेकर काफी गंभीर नजर आ रहे है. उनका भी मानना है कि अभी तक महज 11 प्रतिशत ही अच्छादन हो पाया है, जिसकी पूरी रिपोर्ट सरकार को हर समय भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को परेशान होने की आवश्यकता नही है, किसानों के साथ हर हालात में कृषि विभाग खड़ा है. सरकार की ओर से जो भी निर्णय होगा उसका तत्काल उन्हें लाभ दिया जाएगा.
वैसे ऐसा नही है कि ऐसी स्थिति पहली बार सामने आयी है. बिगत कई वर्षों से ऐसा हो रहा है लेकिन सरकर बारिश के जल को चेक कर रोककर किसनो के खेतों तक पहुचाने को लेकर गंभीर नहीं है. झारखंड में सरकार में बैठे लोग केवल गंदी राजनीति कर अपनी स्वार्थ की गोटी सेकने में लगे है. राजनेताओ से जब किसानों की समस्या के बारे में बात की जाती है तो वह केवल घड़ियाली आंसू बहाकर किसानों का हितैसी होने का दिखावा करते हैं, जो निश्चित रूप से अन्नदाता स्वरूपी किसानों से काफी गंदा माजक है. कोई सरकार ठोस रूप से किसानों के प्रति अब तक झारखंड में गंभीरता से काम नहीं कि है.
रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह
HIGHLIGHTS
- गुमला में लगातार हो रही है बारिश
- बारिश की वजह से नहीं हो पा रही धान की रोपाई
- किसानों को धान की रोपाई करने में हो रही है परेशानी
- गुमला के किसान आज भी मॉनसून का करते हैं इंतजार
- सिंचाई विभाग नहीं करता किसानों की फिक्र
Source : News State Bihar Jharkhand