(रिपोर्ट- सुशील पांडेय)
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है. सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कोड़ा की ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है. सर्वोच्च अदालत द्वारा याचिका खारिज होने के बाद वे कोड़ा अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
अदालत ने सुनाई तीन साल की जेल
दरअसल, निचली अदालत ने पूर्व सीएम कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव सहित उनके कई सहयोगियों को कोयला घोटाले का दोषी पाया था. इस वजह से निचली अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी. याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि याचिकाकर्ता केवल चुनाव लड़ने के उद्देश्य से फैसले पर रोक लगाना चाहते हैं, जो कतई भी उचित नहीं है. अदालत ने कोड़ा को दोषी प्रतीत होना माना था. निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने के लिए उनके पास कोई ठोस वजह भी नहीं थी.
जानिए क्या कहता है जनप्रतिनिधित्व अधिनियम
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल की जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को तुरंत विधानपरिष्ठ, विधानसभा या फिर संसद से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. अहम बात है कि जेल से रिहा होने के बाद भी व्यक्ति छह साल तक अयोग्य ही रहता है.