पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने दुमका में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह सरकार बिचौलियों, सिंडिकेट और माफियाओं के इशारे पर चल रही है. आज खनिज लूट के मामले में जब हेमंत सोरेन के दरवाजे पर ईडी जांच के लिए पहुंची है तो उन्हें ओबीसी आरक्षण और 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति की याद आई है.
दास ने कहा कि हेमंत सोरेन ने चुनाव में वादा किया था कि सरकार बनने के तीन माह के अंदर ही 1932 के खतियान वाली डोमिसाइल पॉलिसी लागू की जाएगी. अब जबकि ईडी ने उन्हें समन भेजा तो आनन फानन में एक दिन का सदन बुलाया और बिना प्रक्रिया पूरी किए ही 1932 का खतियान और आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित करने का ढोंग किया है. दोनों ही मामलों में नियमों का पालन नहीं किया गया. इससे मुख्यमंत्री की मंशा स्पष्ट होती है. सरकार की मंशा ही नहीं है कि ये फैसले जमीन पर उतरें, अन्यथा इन विधेयकों को केंद्र के पास भेजने की आवश्यकता नहीं थी.
रघुवर दास ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने के मामले में भी सरकार ने राज्य की जनता को ठगने का प्रयास किया है. आरक्षण को परिभाषित करने के लिए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण आवश्यक है. इसके साथ ही झारखंड के विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संस्थाओं से इस संबंध में गहन बातचीत की जानी चाहिए थी, ऐसा नहीं किया गया. उनकी सरकार ने 2019 में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की थी. उसकी रिपोर्ट आते ही पिछड़ों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाती लेकिन सरकार में आने के बाद हेमंत सोरेन ने उस प्रक्रिया को भी रोक दिया. इससे स्पष्ट है कि हेमंत सरकार की नीयत आरक्षण देने की नहीं, बल्कि राजनीति करने की है.
Source : IANS