प्रकृति की गोद में बसा ऐसा जिला, जिसे एक तरफ बाबा गजेश्वरनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है तो दूसरी ओर मां गंगा का. मां का यही आशीर्वाद बरसात के महीने में अभिशाप बन जाता है. जब जीवनदायिनी गंगा बढ़ते जलस्तर के साथ ही घरों और कस्बों को निगलने लगती है. साहिबगंज में एक बार फिर गंगा नदी का बढ़ता जल स्तर लोगों को डराने लगा है. नदी का रौद्र रूप तटबंध पर बसे ग्रामीणों में दहशत पैदा कर रहा है. हालांकि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. जिले के उधवा प्रखंड में तो गंगा का कहर बरपने भी लगा है. जहां के प्राणपुर, जलबालु और मंडल टोली के लगभग 140 घर गंगा नदी में विलीन हो चुके हैं.
गंगा कटाव से दहशत में ग्रामीण
क्या घर, क्या मंदिर और क्या स्कूल. गंगा की तेज धारा के आगे सब कुछ ताश के पत्तों की तरह बह रहा है. प्रभावित ग्रामीण ऊंची जगहों पर जाने की कोशिश कर रहे हैं. इस उम्मीद में कि आशियाना भले ही ना बचा पाए हों जान तो बच जाए. एक तरफ कटाव से ग्रामीण जूझ रहे हैं, गंगा सब कुछ मटियामेट करने पर तुली है. वहीं दूसरी ओर शासन हो या प्रशासन, ग्रामीणों को किसी तरह की मदद मुहैया नहीं कर रहे हैं.
जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
लोगों के पास ना घर है, ना खाने पीने का सामान, ना बिजली की व्यवस्था और ना ही कहीं जाने का साधन. उधवा प्रखंड के प्राणपुर पंचायत के कई गांवों में उपजाव जमीन भी नदी में समा चुकी हैं. बाढ़ से लोग हाहाकार कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन अभी भी पुख्ता तैयारियों का दावा कर रही है. डीसी के मुताबिक जिले में कुल 130 आपदा मित्र को जल्द से जल्द प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की जाएगी ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में बसने वाले लोग जिला प्रशासन का सहयोग ले सकें. तो वहीं विधायक अनंत ओझा सरकार से लोगों को मदद मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- साहिबगंज में बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
- गंगा कटाव से दहशत में ग्रामीण
- जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
Source : News State Bihar Jharkhand