गढ़वा जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर की दूरी पर इस्थित प्रतापपुर, दरमी और पतसा गांव की तस्वीर बदल गई है. पहले गांव के लोग जहरीला युक्त फ्लोराइड का पानी पीने को विवश थे, लेकिन गांव में वाटर टावर लगने के बाद अब तस्वीर बदल गई है. एक जमाना था, जब इसी गांव की खबर प्रतिवर्ष नेशनल मीडिया में छाया करती थी, लेकिन आज स्थिति ठीक उलट है. गढ़वा जिला का यह प्रतापपुर गांव है. इस गांव का तीन टोला है, मौनाहा टोला, पतसा और दरमी. गांव के लोग पहले पेयजल की समस्या से जूझ रहे थे. धरती के नीचे फ्लोराइड युक्त जहरीला पानी पिने को विवश थे.
बदली झारखंड के इस गांव की तस्वीर
हाल यह था कि लोग असमय काल के गाल मे समा रहे थे और असमय ही वृद्ध हो जाते थे, लेकिन आज इस गांव की तस्वीर बदल गई है. जहां पाया गया कि पहले के अपेक्षा गांव की तस्वीर काफी बदल गई है. ग्रामीण जलापूर्ति योजना से गांव में दो-दो वाटर टावर लगाए गए हैं, जो सीधे कोयल नदी से पानी टावर में लेती है और ग्रामीणों को सप्लाई करती है. हमारे सावांददाता ने मौनाहा टोला का जायजा किया तो पाया कि गांव में एक दिन बीच कर शुद्ध पेयजल मिल रहा है.
एक पहल से संवर गई जिंदगी
बिजली की समस्या होने की वजह से एक दिन बीच कर पानी की सप्लाई की जा रही है. ग्रामीणों ने कहा कि इसी पानी के लिए हमलोग तरस रहे थे. पहले फ्लोराइड युक्त पानी पीते थे, तो कई बीमारी हो जाती थी, लेकिन आज पानी घर-घर मिलने से समस्या लगभग समाप्त हो गई है. कभी यह गांव भारत के सभी मीडिया संस्थानों में छाया रहता था, क्योंकि यंहा डोली कम अर्थी ज्यादा उठती थी. लड़कियां कुंवारे रहती थी, कोई लड़के की शादी नहीं होती थी. आज यह गांव खुश है क्योंकि यहां अब शहनाई की आवाज सुनाई देती है. विभाग के जेई ने बताया कि बिजली की समस्या के चलते थोड़ी पेयजल वितरण करने में समस्या हो रही है. बिजली रहने पर निर्बाध रूप से पानी दिया जाता है.
HIGHLIGHTS
- बदली झारखंड के इस गांव की तस्वीर
- एक पहल से संवर गई जिंदगी
- लोगों में खुशी का माहौल
Source : News State Bihar Jharkhand