भगवान ने हाथ की हथेली नहीं दी और दोनों पैर नहीं दिए, तो क्या हुआ हौसला तो दिया है. इसी हौसले की बदौलत गढ़वा जिले के सदर प्रखंड के सुखबाना निवासी उमेश राम ने सफलता हासिल की. उमेश हाथ व पैर दोनों से दिव्यांग हैं. दोनों हाथों की हथेली नहीं है. मगर उन्होंने कभी हौसला नहीं खोया. जीवन में कदम-कदम पर चुनौती को स्वीकार किया. इसका नतीजा है कि उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर 2010 में प्रतियोगिता पास कर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की. वर्तमान में वह बालिका उच्च विद्यालय गढ़वा में सहायक शिक्षक हैं. बकौल उमेश बचपन से ही प्रारंभिक शिक्षा में उन्हें हाथ में उंगली नहीं होने की वजह से परेशानी होती रही. मगर उनके पिता सेवानिवृत्त शिक्षक रामनाथ राम ने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाने का काम किया.
बिना हाथ और पैर के हासिल किया मुकाम
आज वे सफलता का मुकाम हासिल कर चुके हैं. उन्होंने वर्ष 2000 में रामासाहु उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की. इसके बाद गोविंद प्लस टू विद्यालय सेइंटरमीडिएट की तथा स्नातक 2005 में श्री सदगुरुजगजीत सिंह नामधारी कॉलेज से पास किया. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के चित्रकुट से बीएड और एमएड की पढ़ाई की. वर्ष 2010 में शिक्षक की बहाली में सफल रहे. उमेश राम का कहना है कि हौसला बुलंद हो तो कठिन से कठिन कार्य को सरल बनाया जा सकता है. साथ ही मंजिल को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
हर कोई कर रहा उमेश राम के जज्बे को सलाम
हम भी उनके इस जज्बा और हौसला को सलाम करते हैं क्योंकि परिश्रम से बड़ा पूंजी कुछ भी नहीं होता. आज उमेश ने भी परिश्रम कर अपनी जिंदगी में उजाला लाते हुए दूसरे के लिए प्रेरणा बनने का काम किया. इनका हौसला और उमंग देखकर आप भी कुछ देर के लिए सोचने को विवश जरूर हो जाएंगे क्योंकि हकीकत के साथ भी अंदाज कुछ और है, जो भगवान ने तो नहीं दिया. वहीं, अपनी हर खुशी को मुठ्ठी में करने की सोच रखने वाले उमेश आज विद्यालय परिवार ही नहीं, छात्रों के लिए भी एक हौसला बनते दिख रहे हैं. जिन्हें विद्यालय के सहयोगी शिक्षक सहित जिले के सभी लोग उनके हौसले को सलाम करते हैं.
सभी के लिए बन गए प्रेरणादायक
उमेश की इस सफलता के कायल सभी है, चाहे वो प्रधानाध्यापक हो या छात्र या फिर समाजसेवी. हर शिक्षक दिवस पर उन्हें विशेष रूप से सम्मानित करते हैं. छात्राओं का कहना है कि सर हमलोगों के लिए प्रेरणादायक हैं. इनको देखकर हमें यह लगता है कि किसी को हार नहीं मानना चाहिए. प्रधानाध्यापक ने कहा कि उमेश राम बहुत ही निष्ठावन शिक्षक हैं. काफी लगन और मेहनत से बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं, ये सभी के लिए प्रेरणादायक है.
Source : News State Bihar Jharkhand