छत्तीसगढ़ के गुमला जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. जहां एक दादी ने पोते को दूध पिलाने के लिए अपनी जमीन बेंच दी. बेटे-बहू की मौत के बाद दुधमुहे पोते की जिम्मेदारी 80 साल की दादी पर आ गई. सही से पोषण न मिलने के कारण पोता कुपोषित हो गया था.
जिसे कुपोषण से बाहर निकालने के लिए दादी ने अपनी जमीन बेच दी. उन्होंने जमीन बेंच कर पोते के लिए दूध खरीदा. अब पोता स्वस्थ्य है. रायडीह थाना क्षेत्र के सनियाकोना गांव की रहने वाली कलारा कुल्लू ने कुछ महीने पहले अपने बेटे को खो दिया था.
जन्म के दौरान बहू की भी मौत हो गई. इसके बाद नवजात पोते की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई. घर में इतने पैसे नहीं थे कि पोते के लिए दूध खरीदा जा सके. कलारा कल्लू का कहना है कि मुझे अपनी परवाह नहीं है. मैंने अपने पोते को जिंदा रखने के लिए जमीन बेंच दिया.
जो भी पैसा आया है उससे दूध का खर्चा चल रहा है. आगे के लिए कहीं से कोई मदद मिल जाती तो अच्छा होता. मैं उम्र के अंतिम पड़ाव में हूं. इसे आगे कौन संभालेगा इसकी चिंता है.
पोते की हालत में सुधार
कुपोषण केंद्र की प्रभारी नर्स का कहना है कि जब दादी अपने पोते को लेकर आई थीं, तब बच्चे की हालत बहुत खराब थी. लेकिन अब हालत में सुधार हो रहा है. कुपोषण केंद्र से निकलने के बाद बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चे के पालन पोषण की व्यवस्था होगी.
Source : News Nation Bureau