गुमला जिला के कई इलाकों में बॉक्साइट के बड़े-बड़े खदान मौजूद है, जहां से कई दशकों से लगातार बॉक्साइट का उत्खनन किया जाता है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस इलाके में रहने वाले लोगों को आज तक मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पाई है, जबकि सरकार के साथ ही साथ बॉक्साइट उत्खनन करने वाली कंपनियां इस वादे के साथ इलाके में बॉक्साइट का उत्खनन करती है कि यहां के लोगों को न केवल मूलभूत सुविधा मिलेगी. बल्कि उनके जीवन को बेहतर करने के लिए विशेष रूप से सुविधा बहाल की जाएगी, लेकिन इलाके की जो तस्वीर सामने आ रही है. वह इस बात को लेकर सोचने को मजबूर कर रही है कि ना केवल कंपनियां इन इलाके में रहने वाले लोगों का शोषण कर रही है, बल्कि सरकार भी इन लोगों की सुविधा को लेकर पूरी तरह से बेफिक्र हो गई है. इन लोगों को आज तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पाई है.
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बॉक्साइट के बड़े-बड़े खदान मौजूद
गुमला जिला ऐसे तो झारखंड का एक ऐसा आदिवासी बहुल इलाका है, जहां के रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब होने के कारण यहां के अधिकांश लोग बीपीएल रेखा से नीचे जीवन बसर कर रहे हैं. इसी इलाके में एक उपलब्धि यह है कि इलाके के कई क्षेत्रों में बॉक्साइट के बड़े-बड़े खान मौजूद हैं, जहां से आज से कई वर्षों पहले से बॉक्साइट का उत्खनन लगातार किया जा रहा है. जिससे कई कंपनियां अरबों रुपया कमा चुकी है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस इलाके में रहने वाले लोगों का जीवन पूरी तरह से बदहाली में चल रहा है.
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
सामान्य जीवन की तो बात छोड़ दीजिए, यहां पर रहने वाले लोगों का जीवन आज भी ऐसा जीवन व्यतीत कर रहे हैं. मानों इनका जीवन किसी जानवर के जीवन के समान चल रहा है, ना तो इस और सरकार का ध्यान जाता है और ना ही उत्खनन करने वाली कंपनियां ही कभी उनके हित में सोचती है. जिसके कारण इन लोगों का जीवन पूरी तरह से बदहाली में चल रहा है, ना तो शिक्षा की व्यवस्था हो पाई है, ना स्वास्थ्य की कोई चिंता है और ना ही इलाके में रहने वाले लोगों को पानी बिजली की सुविधा मिल पाई है. जिसकी वजह से पूरी तरह से यहां के लोग अपने जीवन को समझौता करके जीने को मजबूर हैं.
समस्या के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं
स्थानीय लोगों ने इस बात को लेकर कई बार आवाज उठाया है. बावजूद इसके सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. साथ ही साथ स्थानीय लोग का स्पष्ट मानना है कि सरकार में शामिल होने वाले जो नेता होते हैं. वह कंपनियों से एक अच्छी खासी राशि लेकर चुप बैठ जाते हैं और वहां पर होने वाली समस्या के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं करते हैं. जिसकी वजह से लोगों की समस्याएं आज भी जस के तस बनी हुई है. जिसकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है, जिसके कारण लोगों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बड़ी-बड़ी कंपनियां लगातार कर रही बॉक्साइट का उत्खनन
ऐसा नहीं है कि इलाके की समस्याओं को लेकर आवाज नहीं उठाई गई है. लगातार इलाके की समस्याओं को लेकर आवाज उठाई जा रही है. वर्तमान झारखंड सरकार के में शामिल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष चेतू राव ने भी इस मामले को उठाया है उन्होंने स्पष्ट कहा है कि इलाके में आज भी समस्याएं काफी बनी हुई है. लोगों का जीवन काफी बदहाली की दौड़ से गुजर रहा है और वहां पर बड़ी-बड़ी कंपनियां लगातार बॉक्साइट का उत्खनन करके ले जा रही है, लेकिन इलाके के विकास को लेकर ना तो कोई योगदान कर रही है और ना ही वहां के विकास को लेकर जिला प्रशासन ही ध्यान दे रही है.
युवाओं को नहीं मिल रहा रोजगार का अवसर
वहीं, उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर वह जल्दी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करके इन लोगों की समस्याओं के समाधान करवाने की पहल शुरू करेंगे. वहीं स्थानीय युवक सुधाकर कुमार की माने तो इलाके में बॉक्साइट का उत्खनन होने से यहां के युवाओं को रोजगार का बेहतर अवसर मिल सकता था, लेकिन यहां पर उसे तरह के कोई औद्योगिक विकास नहीं की जा रही है. जिसके कारण यहां पर लोगों को केवल अपने इलाके से बॉक्साइट को जाते हुए देखा जा रहा है, लेकिन उसे इलाके के लोगों को यह स्थानीय युवकों को कोई रोजगार का अवसर नहीं मिल पा रहा है.
HIGHLIGHTS
- बॉक्साइट के बड़े-बड़े खदान मौजूद
- प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
- समस्या के समाधान को लेकर कोई पहल नहीं
Source : News State Bihar Jharkhand