Advertisment

News State Investigation: हंसडीहा थानाध्यक्ष पर करोड़ों की रिश्वतखोरी का आरोप, बाबूलाल मरांडी ने उठाया मुद्दा, जानिए-पूरी सच्चाई

News State Investigation: हंसडीहा थानाध्यक्ष पर करोड़ों की रिश्वतखोरी का आरोप, बाबूलाल मरांडी ने उठाया मुद्दा, जानिए-पूरी सच्चाई

author-image
Shailendra Shukla
एडिट
New Update
rishwat

टेक्निकल एविडेंस( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)

Advertisment

झारखंड का दुमका जिले का हंसडीहा थाना एक बार फिर से रिश्वतखोरी के मामले को लेकर सुर्खियों में हैं. दरअसल, हंसडीहा के थाना प्रभारी जीतेंद्र कुमार पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा है. रिश्वतखोरी का ना सिर्फ आरोप लगा है बल्कि रिश्वतखोरी के पूरे सबूत भी हैं. इस मुद्दे को झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने उठाया है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया, हाईटेक हो चुके झारखंड के "कर्तव्यनिष्ठ" दुमका के हंसडीहा थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह एनजीओ के अकाउंट में ट्रक मालिक से फोन पे के माध्यम से घूस की रकम मंगाते हैं. वसूली के लिए कुख्यात इस अधिकारी की पत्नी, साढू और साला भी इसी थाने में इस वसूली कार्यक्रम में पूरी निष्ठा से हाथ बंटाते हैं. चर्चा है कि एक करोड़ रुपए का चढ़ावा देकर इस थाने में पदस्थापित हुए हैं. सोशल मीडिया में वसूली की बातचीत वायरल होने के बाद थाना प्रभारी ने ट्रक मालिक को पैसे वापस कर दिया. पूरी घटना को मैनेज करने के लिए जितेंद्र सिंह कल से ही सोरेन राज परिवार के एक आवास का चक्कर लगा रहे हैं. जाहिर है इस पारिवारिक वसूली की रकम नीचे से उपर तक “ईमानदारी” से बंटता होगा. अब देखना है कि सोरेन आवास में नतमस्तक इस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या शेयर होल्डर के रूप में सोरेन सरकार इसके गॉडफादर बनकर इन्हें अभयदान देते हैं?

न्यूज स्टेट बिहार झारखंड ने की जांच

अक्सर इस तरह की शिकायतें झारखंड के तमाम जिलों से आती रहती हैं. हमने बाबूलाल मरांडी के द्वारा उठाए गए मुद्दे की परत-दरपरत जांच की. जांच में जो बाते निकलकर सामने आईं वह थानाध्यक्ष हंसडीहा व उनके सहयोगियों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. दरअसल, थानाध्यक्ष जीतेंद्र कुमार सिंह ने रिश्वतखोरी के लिए कई अड्डे बना रखे हैं. ये जनाब जब ओवर लोड वाहनों को पकड़ते हैं तो उसे थाने नहीं ले जाते बल्कि अपने रिश्ववतखोरी के अड्डों पर ले जाते हैं. इनकी रिश्वतखोरी के अड्डो में एक अड्डा शामिल है न्यू सिंह विहार लाइन होटल. होटल के संचालक थानेदार की तरफ से रिश्वत वसूलते हैं और कुछ हिस्सा अपने पास रखते हैं बाकी थानेदार जीतेंद्र कुमार सिंह को देते हैं. इतना ही नहीं पैसा नीलेश किसान सेवा केंद्र (पेट्रोल पंप) के खाते में रिश्वत की रकम ऑनलाइन ही मंगाई जाती है. उसके बाद न्यू सिंह विहार लाइन होटल का संचालक हीर सिंह नीलेश किसान सेवा केंद्र से नकद लेकर आता है और रिश्वत की रकम थानेदार जीतेंद्र कुमार सिंह, न्यू सिंह विहार लाइन होटल के संचालक हीरा सिंह और नीलेश किसान सेवा केंद्र के मालिक के बीच बंट जाता है. 

क्या कहा पेट्रोल पंप के मालिक ने  

पहला स्टेटमेंट

न्यूज स्टेट बिहार झारखंड ने अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले पेट्रोल पंप संचालक जिसके खाते में रुपए रिश्वत के मंगाए गए थे उसी नंबर पर बात की. फोन उठाने वाले शख्स ने मामले में बताया कि निमाय मंडल जो कि उसके चाचा हैं वह पेट्रोल पंप पर एक गाड़ी दिनांक 29 मई 2023 को भेजा और उसमें 20,000/- का डीजल भरवाया था लेकिन पैसे उधार कर दिए गए थे. निमाय मंडल के द्वारा किसी से मेरे खाते में 40,000/- भिजवाए जाते  हैं. निमाय मंडल मुझसे 20,000/- रुपए ज्यादा आई थी उसे वापस आकर ले जाते हैं. इसके अलावा मेरा कोई रोल नही है और ना ही मामले में मैं कुछ और कह सकता हूं. निमाय मंडल मेरे चाचा हैं और उन्हें मैं 6-7 साल से जानता हूं तथा वह मेरे पेट्रोल पंप से लगातार पेट्रोल डीजल भरवाते हैं.

ये भी पढ़ें-Bihar Weather Update Today: समस्तीपुर का पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार, अभी और सताएगी गर्मी

दूसरा स्टेटमेंट

थोड़ी  ही देर बाद न्यूज स्टेट बिहार झारखंड को एक ऑडियो मिलती है. जिसमें पेट्रोल पंप के मालिक नीलेश द्वारा एक ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारी से ये कहते सुना जाता है कि उनके खाते में रकम आई और उसे हीरा सिंह जो कि न्यू सिंह विहार होटल के मालिक हैं वो आकर ले जाते हैं. यानि पहले 20,000/- की उधारी तेल लेने की बात आती है और 20,000/- नगद वापस करनेवाली जो बात रहती है कम से कम वो क्लियर हो जाता है कि किसी भी प्रकार का डीजल अथवा पेट्रोल नहीं खरीदा गया था और पैसे मंगवाए गए थे साथ ही पैसे वापस भी नगद हीरा सिंह को कर दिए गए थे.

publive-image

तीसरा स्टेटमेंट

न्यूज स्टेट द्वारा हीरा सिंह और ट्रक एशोसिएशन के पदाधिकारी के बीच हुई बातचीत को नीलेश के व्हाट्सएप पर भेजा जाता है. फिर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाता है. जवाब में नीलेश का कहना रहता है कि उन्होंने गलती से हीरा सिंह का नाम निमाय मंडल बता दिया था. यानि यहां भी गड़बड़ी. जिस शख्स को थोड़ी देर पहले तक नीलेश द्वारा अपना चाचा बताया जा रहा था और 6-7 साल से उनसे परिचय बताया जा रहा था वो उसका नाम गलती से भूल गए थे और हीरा सिंह की बजाय उसका नाम निमाय मंडल बता बैठे. बात यहीं पर ही नहीं खत्म हुई. निमाय मंडल का फोन नंबर भी व्हाट्सएप पर हमें भेजा जाता है. लेकिन उसमें नाम हीरा सिंह नहीं सेव रहता. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि पेट्रोल पंप संचालक का कौन सा स्टेटमेंट सही माना जाये.

publive-image

वाहन के मालिक का स्टेटमेंट

मामले को लेकर न्यूज स्टेट बिहार झारखंड ने अपनी जांच का दायरा आगे बढ़ाया. जांच के क्रम में हमने ट्रक वाहन नंबर BR08G4639 के मालिक प्रभात कुमार शाह से बात की. प्रभात कुमार शाह ने अपनी आपबीती साझा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा किया. उन्होंने बताया कि हमारे वाहन से पाकुड़ जिले के पकुड़िया से गिट्टी को लोड किया गया. रास्ते में गिट्टी लोड होने के बाद तीन जगह जांच होती है. पहली जगह जहां पर गिट्टी को ट्रक में लोड किया जाता है वहीं पर ही जांच होती है. चालान, बिल आदि की जांच करने के बाद ही वाहन को आगे जाने दिया जाता है. अगर कोई कमी होती है तो वाहन को वहां से आगे नहीं बढ़ने दिया जाता.

ये भी पढ़ें-शीशा तोड़कर ऐसे बची जान, ओडिशा ट्रेन हादसे से बचकर बिहार के लोगों ने सुनाई आपबीती

प्रभात कुमार ने  आगे बताया कि दूसरी जगह जांत दुमका के गुहिया जोरी मोड़ पर होती है लेकिन हमेसा नहीं. गुहिया जोरी मोड पर कभी कभी मजिस्ट्रेट जांच होती है. जिसमें ओवरलोड गाडियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है. अगर वाहन में गिट्टी आदि ओवरलोड नहीं है तो उसे मजिस्ट्रेट द्वारा भी नहीं रोका जाता. मजिस्ट्रेट द्वारा बिल, चालान आदि चैक करके वाहन को छोड़ दिया जाता है. अगर वाहन ओवरलोड रहता है तो नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और संबंधित थाने पर वाहन को लाकर रखा जाता है.

publive-image

प्रभात कुमार ने बताया कि हंसडीहा थाना क्षेत्र में भी कभी-कभी मजिस्ट्रेट चेकिंग करते हैं लेकिन थानाध्यक्ष जी जब खुद गाड़ियों को चैक करते हैं तो गाड़ियों को थाने में लाकर नहीं खड़ा किया जाता बल्कि थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह उसे अपने रिश्वतखोरी के अड्डों पर खड़ा करवाते हैं. थानाध्यक्ष के एक अड्डा है न्यू सिंह विहार होटल. ये होटल थाने से महज एक या डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है. यहां लाकर होटल के संचालक हीरा सिंह की मदद से रिश्वतखोरी की रकम तय की जाती है और रिश्वतखोरी की रकम नीलेश किसान सेवा केंद्र (इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप) के खाते में भेजी जाती है. हमने भी जब रकम भेज दी तब हमारे वाहन को छोड़ा गया जबकि हमारे वाहन में जरा सी भी ओवरलोडिंग नहीं थी.

पाकुड़ से मुंगेर आ रहा था गिट्टी से भरा ट्रक 

प्रभात कुमार ने बताया कि हम पाकुड़ से गिट्टी लादकर बिहार के मुंगेर जिले में ला रहे थे. 31 मई 2023 को ट्रक पाकुड़ के पकुड़िया से चलता है और रात 1 बजे हंसडीहा थानाध्यक्ष द्वारा गाड़ी को ओवरटेक करके रोका जाता है और गाड़ी को थाने लाने की बजाय न्यू सिंह विहार होटल पर ले जाकर रुकवा दिया जाता है. गाड़ी से बैटरा निकाल लिया जाता है ताकि ट्रक स्टार्ट ना हो सके और ट्रक ड्राइवर ट्रक को लेकर भाग ना सके. होटल के संचालक हीरा सिंह द्वारा थानाध्यक्ष के निर्देश पर सौदेबाजी शुरू की जाती है. 31-1 मई की रात से लेकर 1 जून दोपहर बाद तक न्यू सिंह विहार होटल पर खड़ी रहती है. सौदा एक लाख रुपए से शुरू होता है और बात 40,000/- पर बन जाती है. पैसे भेजने के लिए नीलेश किसान सेवा केंद्र का फोन पे नंबर दिया जाता है. पैसा भेजने के बाद हमारे वाहन को छोड़ा जाता है.

बटवा ट्रक संगठन के बिहार प्रभारी पंकज कुमार सिंह का स्टेटमेंट

जांच का दायरा आगे बढ़ाते हुए हमने पूरे मामले का खुलासा करनेवाले बटवा ट्रक संगठन के बिहार प्रभारी पंकज कुमार सिंह से बात की. उन्होंने जानकारी दी की बिना गलती के भी लोगों को, ट्रक चालकों को, ट्रक के मालिकों को प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने बताया कि वाहन पकुड़िया से गिट्टी लोड करके मुंगेर के लिए आ रहा था. हंसडीहा थाना प्रभारी द्वारा ट्रक को ओवरटेक करके रोक लिया जाता है. ट्रक को थानाध्यक्ष द्वारा थाने पर ना ले जाकर अपने रिश्वतखोरी के अड्डे न्यू सिंह होटल विहार पर ले जाकर खड़ा करवा दिया जाता है और ट्रक के बैटरा को भी निकालकर होटल में रखवा दिया जाता है. थोड़ी देर बार होटल का संचालक हीरा सिंह द्वारा ट्रक चालक से कहा जाता है कि बड़े साहब ने कहा है कि 1 लाख रुपए दो तो तुम्हारा ट्रक छोड़ेंगे. ट्रक चालक द्वारा ट्रक के मालिक को सूचना दी जाती है. बात एक लाख से शुरू होती है और 40 हजार में बात बन जाती है. 12-12 घंटे तक गाड़ी होटल पर खड़ी रहती है और 1 जून को जब रिश्वत की रकम नीलेश सेवा केंद्र पेट्रोल पंप के जरिए मिल जाती है तब ट्रक को छोड़ा जाता है. हीरा सिंह द्वारा पेट्रोल पंप के मालिक के पास जाकर रिश्वत की रकम लाई जाती है.

publive-image

बटवा ट्रक संगठन के बिहार प्रभारी पंकज कुमार सिंह

रिश्वत की रकम करनी पड़ गई वापस

पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मामले को संगठन द्वारा गंभीरता से लिया गया तो थानेदार द्वारा ट्रक के मालिक और ट्रक चालक को ही धमकाया जाने लगा. बहरहाल, संगठन के दवाब डालने के बाद थानाध्यक्ष द्वारा रिश्वत की पूरी रकम 40,000/- कैश वापस किया गया और ट्रक को भी छोड़ा गया.

पूरे ससुराल की थानेदार ने थाने में करा रखी है पोस्टिंग

बटवा ट्रक संगठन बिहार प्रभारी पंकज कुमार द्वारा ये भी जानकारी दी गई कि हंसडीहा थानाध्यक्ष जीतेंद्र कुमार सिंह का पूरा ससुराल उन्हीं के थाने में तैनात है. थानाध्यक्ष की पत्नी शीतल कुमार हंसडीहा थाने में एसआई हैं. उनके साढू भाई प्रभात कुमार हंसडीहा थाने में एएसआई हैं. उनके साले प्राइवेट ड्राइवर के तौर पर थानेदार की गाड़ी चलाते हैं. वहीं, मामले में कार्रवाई करते हुए सिर्फ ASI प्रभात कुमार को सस्पेंड किया गया है.

HIGHLIGHTS

  • हंसडीहा थानाध्यक्ष ने रिश्वतखोरी की हद की
  • ट्रक चालकों से करते हैं अवैध वसूली
  • होटल संचालक और पेट्रोल पंप के मालिक की मदद से करते हैं वसूली
  • बीबी, साढू और साले को भी थाने में दे रखी है तैनाती
  • बीबी SI, साढ़ू ASI और साला है ड्राइवर
  • पूरे ससुराल की ही थाने में करा रखी है तैनाती

Source : News State Bihar Jharkhand

jharkhand-news Babulal Marandi Dumka news Dumka Police
Advertisment
Advertisment
Advertisment