साहिबगंज: फाइलेरिया की दवा पीने से 55 से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ी
बच्चों में हालत स्थिर बताई जा जा रही है. वहीं, साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव ने कहा कि बच्चों की तबियत बिगड़ी थी उन सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है सुबह तक सभी बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
झारखंड के साहिबगंज जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां फालेरिया की दवा पीने से 55 से ज्यादा बच्चों की तबियत अचानक बिगड़ गई. बच्चों को आन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां सभी बच्चों का इलाज जारी है. बच्चों में हालत स्थिर बताई जा जा रही है. वहीं, साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव ने कहा कि बच्चों की तबियत बिगड़ी थी उन सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है सुबह तक सभी बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक, साहिबगंज-जिले के राधानगर थाना क्षेत्र पर स्तिथ पश्चिमी उधवा पंचायत के बाबुटोला गांव में संचालित प्राथमिक विद्यालय हरेराम टोला में शुक्रवार को स्कूली बच्चे को फलेरिया की दवाई दी गई थी. दवा खाने के बाद एक के बाद एक दर्जनों बच्चों की तबियत बिगड़ती गई. बच्चों के परिजनों द्वारा आनन-फानन में सभी को एम्बुलेंस के माध्यम से राजमहल अनुमंडलीयअस्पताल लाया गया है. फिलहाल यहाँ सभी बच्चों का इलाज चल रहा है. जिले के तालझारी प्रखंड क्षेत्र में करीब 26 और उधवा प्रखंड क्षेत्र में करीब 30 बच्चों की तबियत बिगड़ने की सूचना है. एक तरफ जिला प्रशासन फाइलेरिया को जिला वासियों को जागरूक कर रही है तो वहीं दुशरी तरफ फाइलेरिया का दवाई खाने से बच्चों की अचानक अचानक तबियत बिगड़ती जा रही है.
फाइलेरिया दुनिया भर में विकलांगता और विरूपता बढ़ाने वाला एक बड़ा रोग है. यह एक पैरासाइट डिजिट है जो कि धागे के समान दिखाई देने वाले निमेटोड कीड़ों के मानव शरीर में प्रवेश करने की वजह से हो जाता है. निमेटोड कीड़े परजीवी मच्छरों की प्रजाति के माने जाते हैं और खून चूसने वाले कीड़ों की मदद से मानव के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. निमेटोड कीड़ों में फिलेरी वुचरेरिअ बैंक्रोफ्टी, ब्रूगिआ मलाई, और ब्रूगिआ टिमोरि शामिल है. फाइलेरिया बीमारी मुख्य रूप से वुचरेरिअ बैंक्रोफ्टी परजीवी कीड़े के कारण होता है.
रिपोर्ट: गोविंद ठाकुर
HIGHLIGHTS
फालेरिया की दवा पीने से 55 से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ी
सभी बच्चों का अस्पताल में चल रहा है इलाज
डीसी बोले-सुबह तक बच्चों को मिल जाएगी अस्पताल से छुट्टी