झारखंड विधानसभा में नियुक्ति और प्रोन्नति में हुई गड़बड़ी को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान विधानसभा की ओर से मौजूद वकील ने कोर्ट को बताया कि जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पास नहीं है. उन्होंने यायिक आयोग से जांच रिपोर्ट देने का आग्रह किया है. मामले पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी. बता दें कि शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. दायर याचिका में साल 2005-2007 के बीच विधानसभा में नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी का आरोप लगाया. साथ थी याचिका में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी और आलमगीर आलम के खिलाफ गंभीर टिप्पणी है.
क्या है विधानसभा में नियुक्ति घोटाला?
शिव शंकर शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका
2005-2007 के बीच में विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी का ओराप
याचिका में आरोप लगाया गया कि झारखंड विधानसभा में पद नहीं थे
पद ना होने के बावजूद विधानसभा में नियुक्तियां कर ली गईं
नियुक्तियों में रोस्टर का पालन नहीं करते हुए पसंद के आधार पर फैसला हुआ
मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया
आयोग ने जांच कर साल 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी
रिपोर्ट में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी
.और आलमगीर आलम के खिलाफ गंभीर टिप्पणी है
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता को मामले में दोषी पाया गया
जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया
राज्यपाल के आदेश के बाद भी मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की. सीएम और राज्यपाल की शिष्टाचार मुलाकात थी. बता दें कि मुख्यमंत्री बीच-बीच में राजभवन आते हैं और राज्य में चल रही गतिविधियों और सरकार के कामों की जानकारी राज्यपाल को देते हैं. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के राजभवन पहुंचने पर राज्यपाल के प्रधान सचिव ने उनका स्वागत किया और उनको राज्यपाल के कक्ष तक ले गये. जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुके देकर राज्यपाल का अभिवादन किया. इस दौरान दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई.
HIGHLIGHTS
- नियुक्ति और प्रोन्नति में गड़बड़ी मामले में सुनवाई
- 9 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
- जानिए क्या है पूरा मामला?
Source : News State Bihar Jharkhand