सुखाड़ को लेकर एक्शन में हेमंत सरकार, 14 जिलों को किया सुखाग्रस्त घोषित

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सुखाड़ को लेकर एक्शन मोड में है.

author-image
Jatin Madan
New Update
hemant soren meeting

प्रदेश के 14 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है.( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

Advertisment

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सुखाड़ को लेकर एक्शन मोड में है. इसी कड़ी में उन्होंने रांची के प्रोजेक्ट भवन में बुलाई और सुखाड़ के हालातों पर चर्चा की. बैठक में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मौजूद रहें. इस बैठक में प्रदेश के 14 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन सभी प्रभावित जिलों को हर संभव मदद देने का अश्वासन दिया. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने ट्वीट कर बताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखण्ड मंत्रालय में आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सुखाड़ की स्तिथि की समीक्षा बैठक में शामिल हुआ. मुख्यमंत्री ने एक लाख कुंआ एवं एक लाख तालाब निर्माण, हर गांव में 5 योजना शुरू करने, सभी विभागों को मिलकर 2 हजार रुपये करोड़ से अधिक की योजना बनाने, गांव में कच्चे काम से रोक हटाने एवं पेंशन की राशि हर माह की 5 तारीख तक निर्गत करने का आदेश दिया.

सुखाड़ पर एक्शन में हेमंत सरकार
बैठक में 14 जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. 14 जिलों के 125 प्रखंड सुखाड़ से प्रभावित हैं. राज्य के 98 प्रखंड में आंशिक सुखाड़ की स्थिति है. सरकार प्रभावित किसानों को हर संभव मदद देगी. सुखाड़ क्षेत्र में पशु चारे के लिए सरकार की सहमति है. सुखाड़ क्षेत्र में टैंकर से पानी भेजा जाएगा. सुखाड़ घोषित करने के लिए झारखण्ड सरकार केंद्र के पास नहीं जाएगी. नवंबर में समीक्षा के बाद हेमंत सरकार फैसला लेगी. 

प्रभावित किसानों को मुआवजा
सरकार 31 अक्टूबर तक केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगी. खरीफ फसलों के नुकसान के लिए केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर केंद्र प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी. 33 फीसदी फसल नुकसान होने पर 6 हजार 800 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा तो वहीं, पूरी फसल खराब होने पर 13 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा मिलेगा. 1 लाख कुंआ और 1 लाख तालाब का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है.

कैसे तय होता है सुखाड़ का पैमाना?
सुखाड़ का आकलन दो आधारों पर होता है. जिले में 31 जुलाई तक 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई हो बारिश के साथ फसलों की बुआई को आधार बनाया जाता है. 15 अगस्त तक जिन जिलों में 33 फीसदी से कम बुआई हुई है उन जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जाता है.

Source : News Nation Bureau

cm-hemant-soren Jharkhand government Hemant government drought declared in jharkhand
Advertisment
Advertisment
Advertisment