झारखंड के धनबाद में बड़ी घटना को अंजाम दिया गया. जहां जेल में बंद शूटर अमन सिंह की जेल के अंदर घूसकर हत्या कर दी गई. हत्या मामले को झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वत संज्ञान लेते हुए इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है. अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से यह सवाल पूछा है कि तमाम व्यवस्था के बावजूद इतनी बड़ी चूके कैसे हुई और फायर आर्म्स जेल के भीतर कैसे पहुंचे. झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि प्रशासन से कहां चूक हुई कि इस घटना को अंजाम दिया गया. इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने जेल आईजी को कल वर्चुअल रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है.
शूटर अमन सिंह हत्याकांड पर जांच के आदेश
बता दें कि अमन सिंह को तीन गोली मारी गई है. अमन सिंह धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह के हत्या मामले में जेल में बंद था. घटना के बाद धनबाद के डीसी वरुण रंजन, एसएसपी समेत तमाम अधिकारी धनबाद जेल पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए. अमन सिंह को जैसे ही गोली मारी गई, उसे आनन-फानन में धनबाद स्थित अस्पताल एसएनएमएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जेल के अंदर बंदूक कैसे पहुंचा, यह प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
फिलहाल इस मामले पर आलाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वहीं, जेल के अंदर पिस्टल कैसे पहुंचा, इसकी छानबीन की जा रही है. आपको बता दें कि फिलहाल नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह झरिया से कांग्रेस की विधायक हैं. राज्य में झामुमो की सरकार है. प्रदेशभर में कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. हेमंत राज में क्राइम का ग्राफ बढ़ता नजर आ रहा है. जिसे लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर लगातार हमला करती नजर आ रही है. खैर, जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर पिस्टल जेल में आया कहां से?