Jharkhand Political News: झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. शनिवार को झारखंड जदयू के वरिष्ठ नेता खीरू महतो समेत बिहार और झारखंड के 20 से अधिक जदयू नेताओं ने पटना स्थित मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के आवास पर बैठक की. इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीट बंटवारे के प्राथमिक निर्णय पर चर्चा हुई.
सीट बंटवारे पर हुई चर्चा
बैठक में झारखंड जदयू की राज्य इकाई ने 11 विधानसभा सीटों पर अपना दावा पेश किया. जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने भाजपा के साथ सीट बंटवारे की वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आश्वासन दिया. झारखंड जदयू अध्यक्ष खीरू महतो ने बताया कि बैठक में झारखंड के प्रमुख नेता सरयू राय के मुद्दे पर भी बात हुई.
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कुर्मी समाज की मांगों पर जोर
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री श्रवण कुमार और राज्यसभा सांसद खीरू महतो समेत कई प्रमुख नेता शामिल थे. बैठक के बाद खीरू महतो ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन की उम्मीद जताई जा रही है. बैठक में कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग पर भी चर्चा हुई. कुर्मी नेताओं ने कुछ समय से यह मांग उठाई है और अब पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने भी इसका समर्थन किया है. इस मुद्दे को संसद में और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष उठाया जाएगा.
कुर्मी और कुशवाहा नेताओं की पहल
जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि पार्टी एनडीए के हिस्से के रूप में झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. सीट-बंटवारे का फॉर्मूला तय होने के बाद आगे की बातचीत की जाएगी. उन्होंने बताया कि आज की बैठक झारखंड के कुर्मी और कुशवाहा नेताओं के अनुरोध पर बुलाई गई थी. ये नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की मांग कर रहे थे और उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई.
गठबंधन और आगे की रणनीति
आपको बता दें कि झारखंड जदयू की इस बैठक में पार्टी की चुनावी रणनीति और गठबंधन पर व्यापक चर्चा हुई. भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की योजना को अंतिम रूप देने के लिए पार्टी नेताओं ने व्यापक विचार-विमर्श किया. साथ ही, कुर्मी समाज की मांगों को गंभीरता से लेते हुए इन्हें प्रमुख मुद्दा बनाने का निर्णय लिया गया. पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपने गठबंधन साझेदारों के साथ मिलकर झारखंड की जनता के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.