ईडी झारखंड के साहिबगंज जिले के डीसी रामनिवास यादव और एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा को पूछताछ के लिए समन भेज सकती है. जांच एजेंसी को जानकारी मिली है कि ये दोनों अफसर अवैध खनन के जरिए 1000 करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग के किंगपिन जेल में बंद पंकज मिश्र से फोन कॉल पर बात करते थे. गुरुवार को ईडी ने पंकज यादव के दो सहयोगियों चंदन कुमार और सूरज पंडित को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. पंकज मिश्र इन्हीं दोनों के मोबाइल से अफसरों से लगातार बात करता था.
पंकज मिश्र इन दिनों न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाजरत है. ईडी की टीम गुरुवार को जब रिम्स पहुंची तो पंकज मिश्र उस वक्त भी मोबाइल से एक जिले के एसपी से बात कर रहा था. पुलिस ने पंकज के सहयोगियों के पास कुल छह मोबाइल जब्त किये हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी ने जो जानकारी जुटाई है, उसके मुताबिक पंकज कुल 11 आईएएस-आईपीएस से लगातार संपर्क में था. वह ठेका-पट्टा, टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे काम के लिए अफसरों से बात करता था. ईडी ने उन नंबरों के सीडीआर भी निकाले हैं, जिनसे वह इन अफसरों को कॉल करता था. जाहिर है, ये तमाम अफसर अब ईडी की जांच के रडार पर हैं.
पूछताछ में पंकज मिश्र के दोनों सहयोगियों ने भी ईडी के सामने स्वीकार किया है कि उनके पास मौजूद मोबाइल का इस्तेमाल पंकज मिश्र किया करता था. ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए पंकज ने किन-किन मामलों में अफसरों पर दबाव डाला. उसके खिलाफ जांच प्रभावित करने का मामला अलग से दर्ज किया जा सकता है.
बता दें कि पंकज मिश्र झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट में उनका प्रतिनिधि है. ईडी ने उसके और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापामारी कर भारी मात्र में कैश और बैंक खातों में जब्त राशि जब्त की थी. अदालत में दाखिल चार्जशीट में पंकज मिश्र को अवैध खनन के जरिए एक हजार करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग मामले का किंगपिन बताया गया है.
Source : IANS