झारखंड में बिजली संकट गहराता ही जा रहा है. बिजली संकट का असर अब उद्योग पर दिखने लगा है. कई छोटे उद्योग बंद होने कगार पर है. बिजली संकट पर झारखंड में सियासी बयानबाजी भी तेज हो चुकी है. सत्ता पक्ष केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहरा रही है, तो भाजपा राज्य सरकार को. इन सब के बीच कोई आम जनता परेशान हो रही है. बिजली संकट पर सरकार में शामिल कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी भी मान रहें हैं कि सूबे में बिजली समस्या पूरी तरह से गहरा गई है. इरफान ने कहा कि राज्य में बिजली की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है. कोयला हमारा, लेकिन हमारे कोयले से दूसरे राज्य जगमगा रहे हैं और हम अंधेरे में हैं.
इरफान अंसारी ने बिजली विभाग पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि हमेशा पैसा बकाया कैसे हो जाता है, जब उपभोक्ता बिल का भुगतान कर रहे हैं. फिर यह पैसा जा कहां रहा है. इस पैसे का अधिकारी क्या कर रहे हैं. इरफान अंसारी ने कहा कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे.
वहीं भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार अपना ठीकरा केंद्र पर फोड़ रही है. राज्य में उत्पन्न हुई बिजली संकट की जिम्मेवार राज्य सरकार है. राज्य सरकार ने DVC के बकाया का भुगतान कर जनता को राहत देने का काम करें. झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष के एके राय ने कहा कि बिजली संकट से राज्य में उद्योग बंद होने के कगार पर है. राज्य सरकार बिजली का बकाया भुगतान कर राज्य की जनता को बिजली संकट से राहत दें.
इस बिजली संकट से उद्योग पर हो रही नुकसान से व्यवसाय वर्ग के लोग भी परेशान हैं. उद्योग संचालन करने वाले लोग बताते हैं कि बिजली की समस्या से कारोबार प्रभावित हो रहा है. समय पर उन्हें माल नहीं मिल रहा है. सरकार से गुहार लगाया है कि जल्द से जल्द बिजली समस्या का निदान करें. वहीं इस बिजली की आंख मिचौली से घरेलू महिलाएं भी काफी परेशान हैं. आम लोगों की मानें तो बिजली की इस समस्या को उन्होंने आज से पहले कभी नहीं देखा था. महिला हो या पुरुष, सभी लोग बिजली की आंख मिचौली से त्रस्त हैं और सरकार से इसे दुरुस्त करने की गुहार लगा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
. गहराता जा रहा है बिजली संकट
. आम लोगों को उठानी पड़ रही परेशानी
. बिजली को लेकर राजनीति तेज
Source : News State Bihar Jharkhand