झारखंड के जामताड़ा जिले में नाला थानाक्षेत्र के सुड़ियापानी गांव में मंगलवार को एक महिला ने बीमार चल रहे आठ माह के बेटे के साथ आत्मदाह कर लिया जिससे दोनों की मौत हो गयी. जामताड़ा जिले के नाला क्षेत्र के अनुमंडल पुलिस अधिकारी मनोज कुमार झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अपने मायके में रह रही 25 वर्षीया महिला विशाखी मुर्मू ने मंगलवार तड़के घर से कुछ ही दूरी पर आठ माह के अपने बीमार बच्चे के साथ आत्मदाह कर लिया. गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें जामताड़ा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां मां-बेटे की मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि घर वालों के अनुसार जब आग से झुलसे बच्चे की चीखने की आवाज सुनाई दी तो परिजन तथा पड़ोसी उन्हें बचाने के लिए दौड़े लेकिन शरीर में धधकती आग और केरोसिन की बोतल देख कर लोग हतप्रभ रह गये.
विशाखी मुर्मू अपने बेटे विष्णु के साथ सुड़ियापानी गांव में अपने मायके में रहती थी जबकि उसका पति रंजीत टूडू (किताजुड़ी-जामताड़ा) निवासी बाहर काम करता था. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर एंबुलेंस पहुंची तथा दोनों को सुबह करीब पांच बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाला पहुंचाया गया. मां-बेटे के शरीर के अधिकांश हिस्सा झुलसे रहने के कारण चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नदीयानंद मंडल ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें जामताड़ा सदर अस्पताल भेज दिया जहां इलाज के दौरान दोनों की मृत्यु हो गई.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों के शव को अंत्य परीक्षण के लिए भेज दिये गये हैं , वैसे प्रथमदृष्ट्या यह आत्मदाह से आत्महत्या का ही मामला लगता है. उन्होंने बताया कि महिला के परिजनों ने बताया कि बैसाखी का बच्चा कई महीनों से बीमार था. विशाखी की मां रासमनि मुर्मू ने बताया कि पिछले माह वह यहां आई है. उसका पति रंजीत टुडू नियमित रूप से इलाज और परिवार चलाने का खर्च भेजता था लेकिन बीमार बच्चे को लेकर युवती अक्सर तनाव में रहती थी. मायके में माता-पिता के अलावा विशाखी की बहन सुमित्रा(13) और छोटा भाई राजेंद्र(7) भी एक साथ रहते थे . पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
Source : Bhasha